भोपाल।शिक्षा के अधिकार (Right To Education) के लिए गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षण की व्यवस्था की गई है, इसके तहत मध्यप्रदेश में संचालित हो रहे प्राइवेट स्कूल की लिस्ट 3 जून यानी आज से सरकारी पोर्टल पर मौजूद रहेगी. जिन भी स्कूलों को कोई आपत्ति है, वह 5 जून तक शाम 4:00 बजे तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. नवीन शैक्षिक सत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश की कार्रवाई स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शीघ्र प्रारंभ की जा रही है, 3 जून 2021 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निःशुल्क प्रवेश के लिए स्कूल संबंधी जानकारी http://rteportal.mp.gov.in पर उपलब्ध कराई जा रही है. इसमें स्कूल का नाम, स्कूल आईडी, स्कूल का ग्राम/वार्ड, पड़ोस/विस्तारित पड़ोस, स्कूल की प्रवेश के लिएआरक्षित कक्षा और आरक्षित सीटों की संख्या की प्रोविजनल सूची रहेगी.
5 जून तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं स्कूल
यदि किसी प्राइवेट स्कूल को अपने स्वयं के स्कूल की प्रोविजनल जानकारी के संबंध में किसी प्रकार की आपत्ति है, तो वे 5 जून 2021 को शाम 4 बजे तक अपना अभ्यावेदन संबंधित विकासखण्ड के बी.आर.सी कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं. इसके बाद दिया गया कोई भी अभ्यावेदन मान्य नहीं होगा. यदि कोई संस्था या समिति उनके प्राइवेट स्कूल को सत्र 2021-22 में संचालित नहीं करना चाहती है, तो उसकी जानकारी विकासखण्ड के बी.आर.सी कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं, इसके साथ ही अगर प्रोविजनल सूची में कोई अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था सम्मिलित है, तो संस्था द्वारा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की स्थिति में संस्था का नाम सूची से विलोपित किया जा सकेगा.
क्या है राइट टू एजुकेशन एक्ट (Right To Education) ?
इस कानून के मुताबिक हमारे देश के हर बच्चे को शिक्षा लेने का फंडामेंटल राइट है. इस कानून को साल 2009 में बनाया गया है और इस कानून के तहत हर प्राइवेट विद्यालय को अपने स्कूल में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती है.
एमपी सरकार के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट (education department) ने इसी कानून के तहत अपने राज्य के उन गरीब परिवारों के बच्चों से आवेदन मांगे हैं, जो कि प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं.
आवेदन करने के लिए तय की गई योग्यता (Eligibility Criteria)
मूल निवासी: मध्यप्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश में रहने वाले मूल निवासी बच्चों को ही इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है.