भोपाल।राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) में बीजेपी और कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. (Congress fears cross voting) कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार के बाद कांग्रेस के एक और विधायक ने बीजेपी पर क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें प्रभावित करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के आदिवासी विधायक पांजीलाल मेढ़ा (Tribal MLA Panjilal Medha) ने आरोप लगाया कि, उन्हें बुधवार को कॉल कर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिए कहा गया. इसके लिए उन्हें भोपाल भी बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.
कांग्रेस विधायक का आरोप:कांग्रेस विधायक पांजीलाल मेढ़ा ने कहा कि उनके मोबाइल पर कॉल आया था. कॉल करने वाले ने कहा कि वे बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालें और भोपाल आकर मिलें. कांग्रेस विधायक ने कहा कि, इसको लेकर उन्होंने मोबाइल पर ही क्रॉस वोटिंग करने से इंकार कर दिया और भोपाल आने से भी मना कर दिया. हालांकि जब कांग्रेस विधायक से मोबाइल नंबर के बारे में पूछा तो उन्होंने वह नंबर नहीं बताया.
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उमंग सिंगार ने भी लगाया 1 करोड़ का ऑफर मिलने का आरोप:राष्ट्रपति चुनाव के पहले कांग्रेस के सीनियर आदिवासी नेता उमंग सिंगार ने भी बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उमंग सिंगार ने आरोप लगाया कि, राष्ट्रपति पद की बीजेपी उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को वोट दिलाने के लिए उन्हें गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरफ से 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का ऑफर दिया गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए मुझे कॉल आया था. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी राष्ट्रपति भी वोट खरीदकर बनाना चाहती है.
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गृहमंत्री बोले कमलनाथ फॉर सेल का टैग:इस पूरे मामले पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कांग्रेस विधायक झूठ बोलते हैं. सिंगार को बताना चाहिए कि मैंने कब उन्हें फोन लगाया. उन्होंने कमलनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि, कमलनाथ ने बयान देकर अपने विधायकों को अपमानित किया है. उन्होंने बताया है कि उनके विधायकों पर 'फॉर सेल' का टैग लगा है.
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क्रॉस वोटिंग का भय:इधर बीजेपी को भी क्रॉस वोटिंग का भय सता रहा है. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल पहले भी क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं. यही वजह रही कि बीजेपी ने विधायक नारायण त्रिपाठी को बुलाकर चर्चा की. त्रिपाठी सीएम शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिले. मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने कहा कि, पहली बार कोई आदिवासी वर्ग से राष्ट्रपति बनने जा रहा है. मेरा रुख स्पष्ट है. वे पार्टी के प्रत्याशी को ही वोट करेंगे. खास बात है कि बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं. दरअसल निकाय चुनाव में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था.