भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्यप्रदेश में एक बार फिर शराबबंदी को लेकर नई तारीख और नया अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि 14 फरवरी के बाद वे फिर मध्य प्रदेश में शराबबंदी-नशाबंदी के खिलाफ अभियान शुरू करने वाली हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एमपी में शराब बंदी तो होकर रहेगी. उमा इससे पहले 15 जनवरी से शराब बंदी के खिलाफ सड़क पर उतरने का अल्टीमेटम दे चुकीं थीं, लेकिन वे ऐसा क्यों नहीं कर पाईं इसके पीछे के वजह बताने के उन्होंने सफाई भी दी. अब वे एक बार फिर शराबबंदी को लेकर सरकार पर हमलावर होंगी.
एमपी में शराबबंदी होकर रहेगी: उमा भारती
उमा भारती ने बताया कि पिछले सवा 2 सालों से वे गंगा अभियान में शामिल थी. जिसके चलते पूर्ण शराबबंदी-नशाबंदी अभियान शुरू करने में कठिनाई थी. दरअसल उमा भारती ने गंगासागर स्नान करने का संकल्प लिया था वह पूरा हो गया. उसके बाद हरिद्वार में जप चल रहा है, उसकी पूर्णाहुति 14 फरवरी को होगी. इसी वजह से उमा भारती 14 फरवरी के बाद मध्य प्रदेश में शराब बंदी कराने फिर से अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगीं. उमा भारती ने साफ लहजे में कहा कि, एमपी में शराबबंदी होकर रहेगी.
मध्य प्रदेश बन गया है दारू प्रदेश: भूपेन्द्र गुप्ता
कांग्रेस ने उमा भारती के बयान को लेकर उनकी कथनी और करनी पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि पहले उमा भारती 15 जनवरी से शराबबंदी अभियान शुरू करने वाली थी, अब 14 फरवरी से. उमा भारती की ये सब प्रेशर पॉलिटिक्स है और जो उनके काम है वह करवाना चाहती हैं. अब साफ हो चुका है कि मध्य प्रदेश में शराब नीति को लेकर साध्वी भी कहती हैं कि कम मात्रा में शराब सेहत के लिए फायदेमंद होती है. इससे साफ है कि मध्य प्रदेश अब दारू प्रदेश बन गया है.
भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा मध्य प्रदेश बन गया है दारू प्रदेश
गोपाल भार्गव ने बताया, राजनीतिक चुटकुलेबाजी
बीजेपी लगातार उमा भारती के शराबबंदी अभियान को सिरे से नकारती रही है. बीजेपी का कहना था कि शराबबंदी को लेकर सामाजिक अभियान चलाना होगा. अब इसी सिलसिले में कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने उमा के बयान को राजनीतिक चुटकुले बाजी कहकर साफ कर दिया कि, उमा के बयानों से सरकार को कोई सरोकार नहीं है. उन्होंने कहा इस तरह की चुटकुले बाजी राजनीति में होती रहती है, मैं इस तरह की बातों को ज्यादा अहमियत नहीं देता.
उमा भारती के अभियान को गोपाल भार्गव ने बताया राजनीतिक चुटकुलेबाजी
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जानकारों का मानना है कि उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर जो बातें कहीं, वह सरकार पर दबाव बनाने वाली थी. उमा भारती ने इस तरह का दबाव बनाकर अपने कई लोगों को उपकृत भी कर दिया, लेकिन अब फिर 14 फरवरी के बाद शराबबंदी अभियान को लेकर नया शिगूफा छोड़ दिया है. राजनीतिक हल्कों में भी उमा भारती के नए बयान को हल्के में लिया जा रहा है.