भोपाल। एक तरफ कोरोना प्रदेश में तेजी से फेल रहा है, लेकिन इस कोरोना को हराकर लोगों के सामने मिसाल बने हैं. पिता-पुत्री दोनों कोरोना वायरस से पीड़ित थे. जिसके बाद दोनों का इलाज हुआ और दोनों ने कोरोना से जंग जीत ली. कोरोना से ठीक होने के बाद दोनों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपने विचार साझा किए.
कोरोना से ठीक हुई भोपाल की छात्रा सेहत का रखे पूरा ध्यान
कोरोना से जंग जीतने वाली लड़की ने बताया कि किस तरीके से उन्होंने अस्पताल में अपने आप को स्वस्थ करने के लिए क्या-क्या प्रयास किए. उन्होंने बताया कि रोजाना हल्का गर्म पानी पीना प्राणायाम करते रहना जरुरी रहता है. जबकि बीमारी के दौरान अच्छा भोजन लेना बहुत जरुरी होता है, जिससे शरी में इम्यूनिटी पावर बूस्ट अप होता है जो इस वायरस से लड़ने में मदद करता है.
बीमारी के दौरान वह अपने दोस्तों से भी लगातार संपर्क में रही माता-पिता और उनके साथ पढ़ने वाले दोस्तों के साथ लगातार बातचीत की, जिससे मन बीमारी की तरफ नहीं जाता. गुंजन का कहना है कि इस दौरान उनके घरवाले या मित्र उनके साथ बैठकर बातचीत नहीं कर सकते ना ही उन्हें समझा सकते थे. लेकिन कहीं ना कहीं फोन पर बातचीत कर सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़कर साइक्लोजिकल सपोर्ट मिलना भी इस दौरान एक सबसे बड़ी ताकत होती है.
वही बेटी की वजह से पिता भी कोविड-19 के शिकार हो गए. लेकिन उन्होंने हौसला नहीं तोड़ा और पूरी हिम्मत से कोविड से लड़ाई लड़ी. इस दौरान उन्हें अपने दोस्तों और सभी रिश्तेदारों ने काफी सपोर्ट किया. उन्होंने कहा कि बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, डॉक्टरों के द्वारा दी जाने वाली सलाह और दवाइयों का नियमित सेवन करें. गर्म पानी से गरारे करते रहे और सावधानी से चले.
कोरोना से ठीक हुए भोपाल के एक नागरिक बता दे कि राजधानी भोपाल में एक ही परिवार से पिता-पुत्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. दोनों इलाज के बाद अब स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं. कोविड-19 से किस तरीके से उन्होंने अपनी लड़ाई लड़ी और आज वह लड़ाई जीतकर समाज के लिए एक मिसाल की तरह उभरकर सामने आए. बेटी और पिता की बाकी लोगों को भी यही सलाह है कि धैर्य और संयम से चलें घबराएं नहीं.