भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आरक्षण (OBC reservation) का मुद्दा फिर से गर्माने लगा है. भाजपा और कांग्रेस ने OBC आरक्षण को लेकर ट्वीट वार शुरू कर दिया है. इस ट्वीट बार में अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आमने-सामने आ गये हैं. भाजपा पिछड़ा वर्ग (OBC) को लेकर अपनी उपलब्धियां गिना रही है तो वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे के सहारे 2023 को देख रही है, क्योंकि मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या में OBC वर्ग की आबादी करीब 51 प्रतिशत है.
शिवराज सिंह के आरोप
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के नेता पिछड़े वर्ग के हितैषी होने का नाटक करते हैं, जबकि भाजपा हमेशा कमज़ोर वर्गों के साथ रही है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण के संबंध में जो भी प्रयास किये जा सकते हैं, उसके लिए हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं. भाजपा पिछड़ा वर्ग समेत सभी वर्गों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है. शिवराज सिंह ने कहा कि जितना नुकसान कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और जनजाति या पिछड़ा वर्ग का किया है, उतना कोई कर ही नहीं सकता.
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बीजेपी ने OBC वर्ग से सीएम, पीएम दिए
वहीं, इस मामले में बीजेपी ने प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार ने तो OBC वर्ग से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन कमलनाथ बताएं कि उन्होंने OBC वर्ग के कितने लोगों को फायदा पहुंचाया है. रजनीश अग्रवाल ने दावा किया कि सबसे ज्यादा OBC विधायक बीजेपी के हैं.
कमलनाथ के आरोप
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और शिवराज सरकार पर OBC आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में चल रहे केस में सही पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया. कमलनाथ ने OBC आरक्षण को लेकर 3 ट्वीट किए. इन ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि 'एमपी में कांग्रेस सरकार ने 2019 में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन शिवराज सरकार ने इसे लागू करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किये.आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की किये जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नहीं हो पाया'.
अपने एक और ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि 'इससे पहले 2003 में भी कांग्रेस सरकार ने यह आरक्षण लागू किया था, तब भी शिवराज सरकार की कमजोर पैरवी के कारण 10 साल तक मामला अदालत में लटका रहा और अंत में आरक्षण निरस्त हो गया.'
क्यों बार-बार अटक रहा है OBC आरक्षण(OBC reservation)?
मध्य प्रदेश में फिलहाल 50 फीसदी आरक्षण लागू है. इसमें सबसे ज्यादा एसटी वर्ग को 20%, दूसरे नंबर पर एससी वर्ग को 16%, तीसरे नंबर पर OBC वर्ग को 14%आरक्षण मिला है. यह आरक्षण कुल मिलाकर 50 फीसदी होता है. संविधान के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है. 2019 में कांग्रेस ने OBC वर्ग के आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था. इससे कुल आरक्षण का प्रतिशत 63% हो गया था और मामला कोर्ट में जा पहुंचा. कोर्ट ने सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया था.
OBC आरक्षण पर राजनीति क्यों ?
OBC वर्ग मध्य प्रदेश की राजनीति का केन्द्र माना जाता है. इसका मुख्य कारण पिछड़े वर्ग की जनसंख्या है. प्रदेश की कुल जनसंख्या में OBC वर्ग की आबादी करीब 51% है. मध्य प्रदेश की कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान का बने रहना भी इसका मुख्य कारण है. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान पिछड़ा वर्ग से आते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ का OBC आरक्षण का मुद्दा उठाना 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है.