भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक पारित होने के बाद प्रदेश के 6 बड़े मंदिरों के ट्रस्ट और समितियों को खत्म कर दिया गया है. जिनमें बाबा महाकाल मंदिर उज्जैन, सीहोर जिले में आने वाला सलकनपुर, खंडवा के धूनी वाले दादाजी का मंदिर, इंदौर के खजराना गणेश मंदिर, मैहर का शारदा मंदिर और छिंदवाड़ा के जामसावली हनुमान मंदिर शामिल है.
लंबे समय से मंदिरों के रखरखाव और पुजारियों के आपसी मतभेदों के बाद सरकार ने मंदिर विधेयक पारित किया है. इस कानून के तहत व्यवस्थाओं के लिए हर एक मंदिर की एक कमेटी होगी. यानी अब तक मंदिर में लागू मौजूदा अधिनियम अपने आप समाप्त हो जाएगा. इस कानून के तहत हर मंदिर में एक ही समिति होगी जिसका संचालन उस जिले का कलेक्टर करेगा.
सूर्यकांत शर्मा, संवाददाता, ईटीवी भारत मध्य प्रदेश समिति में एसपी, नगर-निगम आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी के आलावा कलेक्टर द्वारा नामित चार अधिकारी, सरकार द्वारा नामित पुजारी, दो पुजारी और राज्य सरकार द्वारा नामित में दो ऐसे अशासकीय सदस्य जो धर्म पूजा विधान के जानकार हो उनको भी शामिल किया जाएगा.
विशेष सदस्य भी हो सकेंगे शामिल
इसके अलावा कलेक्टर द्वारा एक नामित पुजारी और राज्य सरकार द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होंगे. वही हिंदू धर्म को ना मानने वाला व्यक्ति इस समिति का सदस्य नहीं होगा. इस कानून के तहत समिति में शामिल सदस्य को हटाने का प्रावधान भी किया गया है. जिसमें यदि किसी का मानसिक संतुलन बिगड़ता है या फिर उसे कोर्ट से सजा मिलती है. या फिर मंदिर के विरुद्ध क्रियाकलाप और छुआछूत करने पर सदस्य को हटाया जा सकेगा.