भोपाल।मध्य प्रदेश में जल्द ही मानसून की बारिश अपनी रफ्तार पकड़ लेगी, मौसम विभाग के मुताबिक 24 घंटे के अंदर पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना है, बीते कई दिनों से पूर्वोत्तर भारत के इलाकों में कम बारिश देखने को मिली है, तो कुछ इलाके अभी भी गर्मी से जूझे रहे हैं, लेकिन जल्द ही उत्तर-पश्चिम भारत के हिस्सों में बारिश होगी.
18 से 20 जुलाई के बीच एमपी में आ सकता है मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक 18 से 20 जुलाई तक उत्तरी मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश होने का अनुमान है, इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है, हालांकि 24 घंटे के अंदर एमपी के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है, यह बारिश धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ेगी, साथ ही 18 से 20 जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है.
बारिश के साथ आकाशीय बिजली का खतरा
विभाग ने कहा कि 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश में, 19 जुलाई को जम्मू में और 18 और 19 जुलाई को उत्तराखंड में भी भारी बारिश का अनुमान है, अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, मध्यप्रदेश और दक्षिण राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने की आशंका और बारिश होने की संभावना है. मध्य प्रदेश में बाढ़ और भारी बारिश से निपटने के लिए टीमों को अलर्ट कर दिया गया है, वहीं आकाशीय बिजली को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है.
कुछ जिलों में अधिकतम तापमान में हो रही बढ़ोतरी
मानसून के सक्रिय और अपेक्षित बारिश नहीं होने के चलते तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश के 4 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में तापमान सामान्य से ज्यादा है. भोपाल का तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 33 डिग्री पर बना हुआ है. इंदौर सामान्य से तीन डिग्री अधिक 33 डिग्री ग्वालियर सामान्य से छह डिग्री अधिक 40 डिग्री पर बना हुआ है. सभी जगह अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
8 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बरसात
प्रदेश में बारिश महज 8 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, 8 जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा 50 फीसदी से भी कम का है. इस दौरान देखा गया कि कभी पूर्वी तो कभी पश्चिमी मप्र में तेज बारिश हो रही है. कहीं औसत भी रही तो कहीं औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है. इस बार सबसे ज्यादा बारिश को ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा -निमाड़ तरसा है.
मौसम एक्सपर्ट मानते हैं कि विंड पैटर्न का सपोर्ट ना करना एक बड़ा कारण रहा. इस वजह से लो प्रेशर एरिया ठीक से नहीं बन पाया. जो बने, वो जल्दी से कमजोर हो गए , या फिर उनका मूवमेंट ठीक नहीं रहा. कुछ समय पहले एक कम दबाव का क्षेत्र बना, लेकिन हवा की दिशा नहीं रही और वह बिहार की ओर बढ़ गया. इसके बाद झारखंड में भी एक सिस्टम डेवलप हुआ, लेकिन इसका मूवमेंट इतना तेज था कि यह एक ही दिन में मप्र काे क्रॉस करता हुआ गुजरात पहुंच गया. यही वजह रही कि सिस्टम एक्टिव होने के बाद भी उम्मीद के अनुसार बारिश नहीं हुई.
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आकाशीय बिजली से हो जाएं सावधान
प्रदेश में इस बार होने वाली बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने का अंदेशा जताया जा रहा है, हर साल से ज्यादा इस बार मध्य प्रदेश में बिजली गिर सकती है. ऐसे में मौसम खराब होने पर घरों से बाहर न निकलें, इसके साथ ही बारिश के दौरान या बिजली गिरने का अंदेशा होने पर पेड़ के नीचे न खड़े हों, पहाड़ी इलाके में न जाएं, साथ ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बचें.