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मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट की होगी मॉकड्रिल, 7 दिन में तैयार होगी रिपोर्ट, भोपाल और शिवपुरी में बनेगा बड़ा प्लांट - एमपी में लगभग सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू

मध्य प्रदेश में कोरोना और नए वेरियंट का खतरा(third wave of corona preparations) लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में 190 में से ज्यादातर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर लिए गए हैं. आने वाले 7 दिनों में माकड्रिल के जरिए (mock drill of oxygen plant) प्लांट्स की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली जाएगी.

mock drill of oxygen plant
ऑक्सीजन प्लांट्स की मौजूदा स्थिति क्या है

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Published : Dec 30, 2021, 10:21 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 10:55 PM IST

भोपाल/ ग्वालियर।मध्य प्रदेश में कोरोना और नए वेरियंट का खतरा(third wave of corona preparations) लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में 190 में से ज्यादातर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर लिए गए हैं. ये कहना है प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है. उन्होंने कहा कि आने वाले 7 दिनों में माकड्रिल(mock drill of oxygen plant) कर प्लांट्स की मौजूदा स्थिति क्या है इसकी जानकारी ली जाएगी. मंत्री के मुताबिक सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारी और कलेक्टरों से चर्चा की गई है. उन्होंने प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. सारंग ने भोपाल और शिवपुरी में एक बड़ा ऑक्सीजन प्लांट भी जल्द बनाया जाएगा.

ऑक्सीजन प्लांट्स की मौजूदा स्थिति क्या है
कोरोना की दूसरी में बन गई थी भयावह स्थितिकरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा कमी ऑक्सीजन की हुई थी. ऑक्सीजन की कमी के चलते हजारों लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते रहे, कुछ की मौत भी हुई. भले ही प्रशासन ऑक्सीजन की कमी से मौत ना होने की बात कहता रहा हो, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते स्थिति भयावह हो गई थी. जिसके बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर आनन-फानन में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात कही गई. केंद्र और राज्य के सहयोग से मध्यप्रदेश में 190 प्लांट स्थापित किए गए हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक प्रदेश में स्थापित सभी 190 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं. इनको बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समीक्षा कर 7 दिन के अंदर ऑक्सीजन प्लांट की मॉकड्रिल करने की बात कही है. 7 दिन के अंदर सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी और कलेक्टर से जानकारी एकत्रित की जाएगी. इसके साथ ही भोपाल और शिवपुरी में एक और बड़ा प्लांट स्थापित करने की सरकार की योजना है.
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भोपाल के आसपास सभी प्लांट चालू
भोपाल में और आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट की संख्या 11 है. जिसमें भोपाल में स्थापित किए गए सभी प्लांट चालू हैं. प्रदेश के अन्य जिलों में राज्य और केंद्र सरकार के साथ ही दूसरी एजेंसियों की मदद से लगाए गए प्लांट्स कुल 190 ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थिति इस प्रकार है.


एजेंसी द्वारा तैयार - कुल
सीएमरिलीफ फंड - 13
स्टेट पीडब्ल्यूडी - 04
पीएम केयर फंड - 88
केन्द्र सरकार(कोल,रेल, गैस मंत्रालय) -26
सीएसआर - 36
विधायक/सांसद, जनसहयोग -23

ग्वालियर में भी की जा रही है पर्याप्त व्यव्स्था

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन को लेकर पूरी व्यवस्थाएं कर ली है. ग्वालियर जिले में 12 ऑक्सीजन प्लांट है जिनमें 11 प्लांट पूरी तरह चालू है और एक और प्लांट खराब बताया जा रहा है. जिले में मौजूद प्लांट्स की ऑक्सीजन प्रोडक्शन क्षमता 6019 एलपीएम की है.

- सरकारी अस्पतालों में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या 3239 है.

- जयारोग्य अस्पताल में स्थित ऑक्सीजन टैंक की क्षमता 138 एमटी है.

- जिससे जरिए हॉस्पिटल के लगभग 800 बेड सेंट्रलाइज सिस्टम से जोड़े गए हैं. जिले के मुख्य एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि ऑक्सीजन को लेकर हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था है जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू स्थिति में हैं. डबरा और मोहना तहसील के प्लांट भी जल्द ही चालू होने वाले हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं.

ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन का प्रबंधन
जयारोग्य अस्पताल - 5 ऑक्सीजन प्लांट ( 3450 क्षमता (एलपीएम )
जिला अस्पताल - 1 ऑक्सीजन प्लांट ( 200 क्षमता )
सिविल अस्पताल - 1 ऑक्सीजन प्लांट ( 500 क्षमता )
मोहना स्वास्थ्य केंद्र - 1 ऑक्सीजन प्लांट ( 200 क्षमता )
हस्तिनापुर स्वास्थ्य केंद्र - 1 ऑक्सीजन प्लांट ( 200 क्षमता)
तीन निजी अस्पताल - तीन ऑक्सीजन प्लांट ( 1300क्षमता )

ऑक्सीजन फुल लेकिन बेड और डॉक्टरों की कमी
ऑक्सीजन प्लांट लगने से ऑक्सीजन की कमी का संकट तो काफी हद तक सुलक्षा लिया गया है. लेकिन मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ का इंतजाम अभी तक नहीं हो पाया है. हालांकि सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों के लिए डॉक्टर,नर्सिंग,स्टाफ,वार्ड बॉय,स्वीपर की डिमांड करते हुए प्रबंधन ने शासन से मांग की है. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में मौजूद मेडिकल स्टाफ की बात करें तो-
डॉक्टर - 225
नर्सिंग स्टाफ - 530
टेक्नीशियन - 100 का स्टाफ ही मौजूद है.

Last Updated : Dec 30, 2021, 10:55 PM IST

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