भोपाल।मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. चुनाव में इस बार थर्ड जेंडर की भी एंट्री हो गई है. वह भी सियासी जंग में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी-कांग्रेस को चुनौती देते हुए नगर निगम, पालिका, जिला पंचायत, सरपंच और पंच पद के लिए फॉर्म भरा है. चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद जुदा अंदाज में लोगों का दिल जीतने में जुट गए हैं. बता दें कि भारत का दिल कहलाने वाला मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां से शबनम मौसी के तौर पर साल 2000 में देश को पहली किन्नर विधायक मिली थी.
दो किन्नरों ने आदिवासी सीट से भरा पर्चा:किन्नर भी त्रिस्तरीय चुनाव में अपना भाग्य आजमाने मैदान में उतरे हैं. कई किन्नर महापौर, पार्षद और सरपंच बनना चाहते हैं. तो कई जिला पंचायत सदस्य और पंच के लिए भी मैदान में आए हैं. जिसमें शहडोल में 2 सरपंच, नर्मदापुरम में एक सरपंच, कटनी में एक जिला सदस्य और रतलाम में एक पंच पद के लिए फॉर्म भरा है. इनमें से 4 ने सामान्य सीटों से पर्चा भरा, तो दो ने आदिवासी सीट से.
महिला सीट से किन्नर ने भरा पर्चा:कटनी जिला पंचायत सदस्य के लिए किन्नर दुर्गा मैदान में हैं. यह सीट आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है. किन्नर समाज से आने वाली 34 साल की दुर्गा दीदी ने महामंडलेश्वर की पदवी ले रखी है और उन्हें गांव वालों ने ही चुनाव मैदान में उतारा है. उन्हें हस्ताक्षर करना आता है. दुर्गा ने बताया था कि निरक्षर होने से नियम-कायदे की समझ कम है, लेकिन दुनियादारी समझती हूं.
गांव की मौसी बनी सरपंच प्रत्याशी:नर्मदापुरम संभाग के केसला ग्राम पंचायत में सरपंच के 5 प्रत्याशियों में इस बार 35 साल की किन्नर राधा मौसी भी शामिल हैं. खास बात यह है कि इस ग्राम पंचायत में वे ही अकेली थर्ड जेंडर मतदाता हैं. सरपंच का पद आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है, इस गांव की आबादी 2,750 है. चुनाव जीतने के बाद गांव की गलियां और शौचालय बनवाना राधा मौसी की पहली प्राथमिकता रहेगी.
ग्वालियर-उमरिया में भी दावेदारी:ग्वालियर में भी एक किन्नर ने पार्षद पद के लिए दावेदारी जताई है. उन्होंने निर्दलीय नामांकन भरा है. पहले कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की लेकिन जब बात नहीं बनी तो नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं, उमरिया नगर पालिका चुनाव में किन्नर ने पार्षद पद के लिए अपना नामांकन भरा है.