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मोदी कैबिनेट से थावरचंद गहलोत की छुट्टी! बने कर्नाटक के गवर्नर, राष्ट्रपति ने 8 राज्यों में की राज्यपाल की नियुक्ति - कई राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति

मोदी कैबिनेट के विस्तार (Modi Cabinet Expansion) की चर्चाओं के बीच केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 प्रदेशों में नए राज्यपाल की नियुक्ति की है.

thawarchand gehlot appointed governor of karnataka
थावरचंद गहलोत बने कर्नाटक के राज्यपाल

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Published : Jul 6, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 2:29 PM IST

भोपाल। मोदी मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कई राज्य के राज्यपाल बदले गए हैं.राष्ट्रपति ने थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया है. मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

राष्ट्रपति ने 8 राज्यों में नए राज्यपाल की नियुक्ति की

हरि बाबू कमभमपति को मिजोरम का राज्यपाल और राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. मिजोरम के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा का राज्यपाल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा का राज्यपाल, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

कौन हैं थावरचंद गहलोत ?

थावरचंद गहलोत का जन्म 18 मई 1948 को उज्जैन के नागदा में हुआ . गहलोत 2012 से राज्यसभा के सांसद हैं. वे बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं. थावरचंद गहलोत मध्यप्रदेश में बीजेपी का दलित चेहरा हैं. गहलोत मोदी कैबिनेट में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री का पद संभाल रहे हैं.

गहलोत राज्य में अनुसूचित जाति का एक बड़ा चेहरा हैं. वे एमपी के शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं .18 मई 1948 रूपेटा गांव में जन्म हुआ, जो कि उज्जैन जिले में है. गहलोत ने उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई की. उनकी पत्नी अनीता गहलोत हैं. उनके एक बेटी और तीन बेटे हैं. हाल ही में उनकी बेटी का कोरोनावायरस के निधन हो गया. बाला समाज नामक संगठन के जरिए गहलोत उपेक्षित वर्गों के लिए काम करते रहे हैं.

थावरचंद गहलोत का राजनीतिक सफर

थावरचंद गहलोत 1962 से 67 आरएसएस शाखा से जुड़े रहे. 1967-75 भारतीय मजदूर संघ से जुड़े ग्रासिम इंजीनियरिंग श्रमिक संघ में कोषाध्यक्ष भी रहे. 1968 -71 तक मजदूरों के आंदोलन के संबंध में कई बार हिरासत में लिए गए. वे लगभग 10 महीने जेल में रहे.
1975-76 में आपातकाल के दौरान जेल भी गए. 2004 में चौथी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. थावरचंद गहलोत 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए. 2012 से मई 2014 और अगस्त 2012 से मई 2014 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए कंसलटेटिव कमेटी में रहे.

Last Updated : Jul 6, 2021, 2:29 PM IST

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