भोपाल। सिमी आतंकियों के गढ़ रहे मध्यप्रदेश से एक बार फिर आतंकी गतिविधियों के तार जुड़े हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई से संबंध रखने वाले फुलबारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल के मामले में रविवार को छापामार कार्रवाई कर दो युवकों को हिरासत में लिया. हालांकि दोनों ही युवकों को एनआईए ने नोटिस देकर छोड़ दिया है. यह कोई पहला मामला नहीं है, जब प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के मामले में एमपी में कार्रवाई हुई हो. चार माह पहले भोपाल से जेएमबी के चार आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि प्रदेश में सिमी, जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी के प्रदेश के कई इलाकों में स्लीपर सेल सक्रिय हैं. प्रदेश में बढ़ती आतंकी गतिविधियांं के चलते एनआईए ने एमपी में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है.
सिमी के बाद जेएमबी, सूफा जैसे संगठन सक्रिय: मध्यप्रदेश में आतंकी गतिविधियां उजागर होने के बाद सिमी को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे जुड़े आतंकियों के पकड़े जाने के बाद माना जा रहा था कि, इसका पूरी तरह से सफाया हो गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो, सिमी के बाद जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी, सूफा और पीएफआई जैसे संगठन प्रदेश में फिर सक्रिय हो गए हैं. जांच एजेंसियों को इनकी सक्रियता के पुख्ता इनपुट मिले हैं. जांच एजेंसियों को पता चला है कि, प्रदेश में इनकी सक्रियता को बढ़ाने के लिए फॉरेंन फंडिंग की भी कोशिश हो रही है. इस साल मार्च में राजधानी भोपाल में जेएमबी के चार सक्रिय आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. पता चला है कि इन संगठनों ने प्रदेश के कई इलाकों में अपने स्लीपर सेल बनाए हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए पढ़े-लिखे युवाओं में जेहादी जहर घोलने का काम कर रहे हैं. रिटायर्ड डीजी अरूण गुर्टू के मुताबिक, 'जिस तरह की गतिविधियां बढ़ रही है, उसको देखते हुए नेशनल एजेंसियों के अलावा स्टेट एजेंसियों और स्थानीय पुलिस को सामंजस्य के साथ काम करने की जरूरत है'.