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सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सरकार को नोटिस भेज का मांगा जवाब, पॉलिटेक्निक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला - सुप्रीम कोर्ट ने भेजा एमपी सरकार को नोटिस

एमपी के पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के मामले में कोर्ट ने सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार, चेयरमैन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (AICTE, New Delhi), मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला

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Published : Apr 12, 2022, 9:21 PM IST

सागर।सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के मामले में सरकार से जवाब मांगा है. मामले पर सुनवाई करते हुए एल नागेश्वर राव, बीआर गवई ने अतिथि विद्वानों को परमानेंट करना,सीनियरटी रखना, समान कार्य-समान वेतन, अनुभव, 12 माह का वेतन, नियमितीकरण तथा अन्य लाभ न दिए जाने के मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं. कोर्ट ने सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार, चेयरमैन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (AICTE, New Delhi), मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला
अतिथि विद्वानों के पद दूसरे विद्वानों से भरे जाने का मामलापूर्व में निर्धारित नियम के तहत पॉलीटेक्निक कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के पद जिन शिक्षकों पर नियुक्त किए गए थे. वे ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. बावजूद इसके 27 जनवरी 2022 को तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में पूर्व से कार्यरत व्याख्याताओं को कंटीन्यू न कर नई व्यवस्था के तहत नए अतिथि प्रोफेसर को रखे जाने का फैसला लिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी की. उन्होंने दलील रखी कि अतिथि व्याख्याता 15 वर्ष से अधिक समय से पॉलीटेक्निक कॉलेज में कार्यरत है और इतने अधिक समय बाद नई नौकरी ढूंढ पाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि इतने समय बाद भी तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के लिए अनिश्चितता बनी हुई है. इस प्रकार अतिथि व्याख्याताओं का शोषण किया जा रहा है. इस संबंध में लगभग 300 पॉलीटेक्निक अतिथि विद्वानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई हुई है.

SC पहले भी दे चुका है निर्देश
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए अपने आदेश में साफ कर चुका है कि अतिथि विद्वान का पद अन्य अतिथि विद्वान से नहीं भरा जा सकेगा. बावजूद पुराने अतिथि व्याख्याताओं को कंटीन्यु न देते हुए ,नवीन अतिथि विद्वान के पद को अन्य अतिथि विद्वानों से भरा जा रहा है. इस मामले में सरकार की मनमानी पर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव, मध्यप्रदेश शासन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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