भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लेागों को भी सरकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए पांच हजार से अधिक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप लोकसेवा केंद्र (Sub public service centers) खुलेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को यह ऐलान किया.
पांच हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप लोक सेवा केंद्र खुलेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने मिंटो हाल सभा कक्ष में जनकल्याण और सुराज अभियान के समापन पर अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में नागरिकों को मिल रही विभिन्न सेवाओं की व्यवस्था को और अधिक पुख्ता किया जाएगा. इसके अंतर्गत लोक सेवा केंद्रों का विस्तार तहसील से आगे ग्राम पंचायत स्तर तक होगा. आने वाले एक साल में पांच हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में उप लोक सेवा केंद्र स्थापित होंगे. नागरिकों को उनके द्वार पर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. नागरिकों को खेसरा की प्रति सिर्फ 10 रुपये प्रति पृष्ठ उपलब्ध करवाई जाएगी.
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ई-रुपी व्यवस्था ई-वाउचर के रूप में लागू होगी
मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में ई-रुपी (E-rupee) की व्यवस्था को ई-वाउचर (E-voucher) के रूप में लागू किया जाएगा. आयुष्मान भारत के अंतर्गत मरीजों की उपचार राशि एवं छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए ई-रुपी के माध्यम से सीधे हितग्राहियों को विशिष्ट प्रायोजन के उद्देश्य से कैश बेनिफिट ट्रांसफर किया जा सकेगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 15 नवंबर से 15 जनवरी 2022 तक हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सभी हितग्राहियों को मिल रहा है या नहीं, इसे अभियान चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल की आर्थिक दिक्कतों के बावजूद मध्य प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपये की राशि अधोसंरचना विकास एवं अन्य कार्यो पर व्यय की गई. कोविड से जिन बच्चों ने माता-पिता को खो दिया है, वे खुद को अकेला न समझें, सरकार उनके साथ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश इस कार्य में अपनी विशेष भागीदारी करेगा।
--आईएएनएस