भोपाल। प्रदेश में शिक्षा नीति का खाका तैयार करने के लिए भोपाल में 'स्टीम कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुरानी विधानसभा मिंटो हॉल में किया. कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव एसआर मोहंती विशेष रूप से मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हर पांच साल में विश्व में परिवर्तन होता है. राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन होता है. आज का युग विज्ञान का युग है. बिना विज्ञान के हम शिक्षित हो सकते हैं, लेकिन ज्ञानहीन होंगे. शिक्षा तो कॉलेज में लेते हैं, लेकिन ज्ञान हमे रोजाना प्राप्त करना होता है.
अब काबिल होगा एमपी का 'भविष्य', स्टीम कॉन्क्लेव में तैयार किया जा रहा बदलाव का खाका
राजधानी भोपाल में स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. जिसमें सीएम कमलनाथ सहित कई मंत्री मौजूद रहे. सीएम ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था कमजोर है, जबकि सुधार शिक्षकों में भी करना जरूरी है.
सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिक्षा के मामले में प्रदेश बहुत पीछे है. आईटी का नॉलेज स्टूडेंट को तो है, लेकिन पढ़ाने वालों को नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाना हमारी प्राथमिकता है. शिक्षकों को अपने आप को समाज सेवक के रूप में देखना चाहिए. शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं है. सुधार केवल स्कूल, किताबों, स्टूडेंट में ही नहीं बल्कि शिक्षकों में भी करना है. उनके व्यवहार उनकी सोच को अपडेट करना है. हमे कभी नहीं भूलना चाहिए कि ये वो विभाग है जो हमारे भविष्य का निर्माण करता है.
प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा स्टेट है, जिसमें 'स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन शिक्षा विभाग ने करवाया है. बच्चों के बेहतर भविष्य को देखते हुए 'स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है.