भोपाल।राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में खेल चिकित्सा विभाग खोला जाएगा. खेलों के दौरान खिलाड़ी कई बार घातक चोट के शिकार हो जाते हैं, और ऐसे में उनके इलाज का खर्चा भी खिलाड़ी को ही उठाना पड़ता है, जिससे परेशान होकर या तो खिलाड़ी को खेल छोड़ना पड़ता है, या फिर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. ऐसे में खेलों के दौरान कई खिलाड़ियों के अलग-अलग बीमारियों और चोट का इलाज कराने के लिए चिकित्सा विभाग अब खेल चिकित्सा विभाग खोलने की तैयारी कर रहा है. एनसीएसएसआर योजना के तहत विभाग राष्ट्रीय खेल और अनुसंधान केंद्रीय योजना के तहत खोला जाएगा, जिसमें राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेगी.
जल्द बनाई जाएगी योजना
विभाग खोलने के लिए दिल्ली और मुंबई के साथ ही अन्य महानगरों से ऑफर देकर इस योजना की प्लानिंग के लिए बुलाया गया है. ऐसे में भोपाल में भी इसके लिए अलग से विभाग बनाने की तैयारी है, जिसमें खिलाड़ियों का उपचार और इलाज बेहतर ढंग से हो पाएगा. गांधी मेडिकल कॉलेज को इसके लिए चिन्हित किया गया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार, सरकार के पास प्रस्ताव है और जल्द ही इस प्रकार योजना बनाई जाएगी.
सरकारी रूप से इलाज बेहतर
फिलहाल, खिलाड़ियों में इस योजना को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. भोपाल में एथलेटिक्स की खिलाड़ी मानसी यादव कहती हैं कि, पिछले साल उनके पैर में दौड़ के दौरान फैक्चर हो गया था. जिसके इलाज में उन्हें 10 से 12 हजार का खर्चा आया, जिसे उन्हें खुद ही झेलना पड़ा. वह कहती हैं कि, अगर सरकारी रूप से इसमें इलाज होगा तो बेहतर है.
अब इलाज में होगी सुविधा
वहीं, एक अन्य वाटर स्पोर्ट खिलाड़ी प्रियंका ने कहा कि, उनके एक साथी को भी वॉटरस्पोर्ट के दौरान चोट लगी थी. जिसमें 20 से 30 हजार खर्चा आया था और वो उनके साथी के परिवार को ही उठाना पड़ा. अब अगर खिलाड़ियों के लिए अलग से विभाग इलाज के लिए होगा तो इनको काफी सुविधाएं मिल पाएंगी.
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर