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देश की राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरतःरघु ठाकुर - रघु ठाकुर की किताब गांधी अंबेडकर कितने दूर कितने पास

रघु ठाकुर हैदराबाद के वासवी क्लब सभागार में आयोजित डॉ. राममनोहर लोहिया (RML 112 birth anniversary) की 112वीं जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे थे.

socialist Raghu Thakur
समाजवादी रघु ठाकुर बोले देश की राजनीति में बदलाव की जरूरत

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Published : Mar 23, 2022, 10:14 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 10:49 AM IST

हैदराबाद. रघु ठाकुर हैदराबाद के वासवी क्लब सभागार में आयोजित डॉ. राममनोहर लोहिया (RML 112 birth anniversary) की 112वीं जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में सकारात्म बदलाव लाने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में हर तरह की विषमता को दूर किया जाना चाहिए. इस दौरान उनकी पुस्तक "गांधी-अंबेडकर, कितने दूर कितने पास" के अंग्रेजी संस्करण का लोकार्पण भी किया गया. कार्यक्रम का आयोजन लोहिया विचार मंच हैदराबाद ने किया था.

समाजवादी रघु ठाकुर बोले देश की राजनीति में बदलाव की जरूरत

यूक्रेन युद्ध हथियारों की होड़ का नतीजा
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यता श्री रघु ठाकुर ने की. इसके अलावा कार्यक्रम में वक्ता के तौर पर साहित्यकार मुकेश वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश चंद्रा, ग्वालियर के शिक्षाविद् जयंत सिंह तोमर, समता ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन जैन मौजूद रहे. सत्र का संचालन लोहिया विचार मंच के अध्यक्ष टी. गोपाल सिंह ने किया. श्री रघु ठाकुर ने यूक्रेन संकट, भारत में विषमता, विश्व संसद की आवश्यकता और भाषा नीति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि दुनियाभर में देशों के बीच जो युद्ध चल रहे हैं और जो हथियारों की होड़ लगी हुई है वह पृथ्वी को एक खतरनाक संकट की ओर धकेल रही है. इससे उबरने का एक ही रास्ता है, डॉ. लोहिया के सपनों के अनुसार विश्व संसद का निर्माण करना. इसके साथ-साथ डॉ. लोहिया ने जिन सात क्रांतियों की बात कही थी उसे सार्थक करने के लिए हर किस्म की गैर बराबरी को खत्म करना जरूरी है. हमें ऐसी नीतियों को अपनाने की जरूरत है जिससे सामाजिक और आर्थिक विषमता दूर हो.

समाजवादी रघु ठाकुर बोले देश की राजनीति में बदलाव की जरूरत

किताब का भी हुआ विमोचन

कार्यक्रम में रघु ठाकुर की किताब गांधी-अंबेडकर कितने दूर कितने पास के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया गया. किताब के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गांधी और अंबेडकर के संबंधों की रोशनी में जब हम स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधारों की ओर देखते हैं तो इन दोनों के बीच प्राथमिकताएं दृष्टिकोण के हिसाब से तय होती हैं. लोहिया ने दोनों काम में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की, लोहिया इस मामले में विलक्षण हैं. हमें गांधी, अंबेडकर और लोहिया से प्रेरणा लेकर एक ऐसा वातावरण बनाना है, जिसमें शांति और परस्पर सद्भाव कायम हो. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में भाषानीति पर ग्वालियर से आए शिक्षाविद् जयंत सिंह तोमर, भोपाल के साहित्यकार मुकेश वर्मा, अभिषेक रंजन व लोहिया विचारमंच के अध्यक्ष टी. गोपाल सिंह ने भी अपने विचार रखे, तीसरे सत्र में जाति व्यवस्था पर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्षा श्यामसुंदर यादव, प्रदेश अध्यक्ष लोसपा विंधेश्वरी पटेल, श्री रामदास, श्री बाबूराम जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

Last Updated : Mar 24, 2022, 10:49 AM IST

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