भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लगातार आक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जा रही है. सरकार का दावा है कि जितनी आक्सीजन की जरूरत है, उतनी सप्लाई हो रही है. अब रेलवे और वायुसेना के जरिए आक्सीजन के टैंकर प्रदेश में पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आज की स्थिति में राज्य में 600 मीट्रिक टन से ज्यादा आक्सीजन की सप्लाई हो रही है.
'हम पूरी ताकत से लड़ रहे हैं' सुधरने लगी ऑक्सीजन की आपूर्ति
कोरोना की दूसरी लहर में एक वक्त ऐसा आया जब ऑक्सीजन की कमी से रोज मरीजों की मौत की खबर आती रहीं. अब सरकार का दावा है कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मध्यप्रदेश को केंद्र सरकार से 22 अप्रैल से 643 मीट्रिक टन प्रतिदिन आक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है. आक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार ने 2000 आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे हैं. प्रदेश के 34 जिलों में स्थानीय व्यवस्था से 1000 से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा चुके हैं.
सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, कि कोरोना महामारी के दौर में आक्सीजन देश के लिए चुनौती है. उन्होंने कहा, कि आज हमें जितनी आक्सीजन चाहिए, हम उसकी आपूर्ति कर पा रहे हैं.
'ये महामारी है, लड़ना ही पड़ेगा' बोकारो और अंगुल से आए आक्सीजन टैंकर मध्य प्रदेश में झारखंड के बोकारो से 6 टैंकर ऑक्सीजन 27 अप्रैल और 28 अप्रैल को जबलपुर,सागर और भोपाल पहुंची. इन टैंकरों में 64 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंची है. ओडिसा के अंगुल रिफाइनरी से 4 टैंकर आक्सीजन पहुंची है. इनसे 13 हजार 728 लीटर ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है.
बंद ऑक्सीजन प्लांट हुए चालू
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बैठक में बताया कि पीथमपुर और मालनपुर के बंद प्लांट फिर से चालू किए गए हैं.
- पीथमपुर में चालू किए गए प्लांट से 30 से 32 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी.
- मालनपुर में बंद ऑक्सीजन प्लांट को चालू किया जा रहा है.
- प्रदेश में छोटे-बडे़ मिलाकर कुल 58 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं
- 4000 नए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के आर्डर किए गए हैं
आठ गुना बढ़ी ऑक्सीजन की सप्लाई
आक्सीजन का बड़ा हिस्सा नागपुर से आता है. इसे बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए अस्पतालों को सप्लाई किया जाता है. राज्य में 6 अप्रैल को 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही थी, जिसे 9 अप्रैल को तीन गुना बढ़ाकर 180 मीट्रिक टन कर दिया गया. ये 15 अप्रैल को 295 मीट्रिक टन से बढ़कर 22 अप्रैल तक 463 मीट्रिक टन हो गई. पिछले 15 दिनों में आक्सीजन की सप्लाई को 8 गुना तक बढ़ाया गया है. 26 अप्रैल को 527 मीट्रिक टन आक्सीजन की सप्लाई प्रदेश में की गई है.
5 जिला अस्पतालों में लग रहे ऑक्सीजन प्लांट
कौंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च भारत सरकार ने प्रदेश के पांच जिला चिकित्सालयों भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल में नवीनतम BPSA तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांटस लगाए जा रहे हैं. इसमें 1 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत आएगी. इनमें 300 से 400 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट बनेगी. ये लगभग 50 beds के लिए पर्याप्त होगी. इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है.
MP में bed की स्थिति
MP में गंभीर मरीजों पर गंभीर संकट है. प्रदेश के अस्पतालों में 94% ICU और 83% ऑक्सीजन बेड फुलहैं.अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी पड़ गई है. प्रदेश के अस्पतालों में कुल ICU बेड में से 94% बेड भरे हुए हैं. 83% ऑक्सीजन बेड भी भर चुके हैं. एक-एक बेड के लिए मारामारी हो रही है. जबलपुर, इंदौर और शिवपुरी में बेड नहीं मिलने से कई मरीजों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश में कोविड के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वर्तमान में कुल 48 हजार 624 बेड हैं.इसमें से 35 हजार 257 मरीज यानि 73% मरीज भर्ती हैं. इसमें से ICU और HDU के 9059 बेड हैं, इनमें से 8534 बेड भरे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बीना के आगासोद में भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटेड (Bharat Oman Refinery Limited) का दौरा किया. उन्होंने रिफाइनरी के पास चक गांव में 1000 बिस्तर के प्रस्तावित कोरोना अस्पताल की साइट का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना से हम दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं. एक तो संक्रमण को रोकना है और जो संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें बेहतर इलाज देना हैं.
'रेमडेसिविर की अब कमी नहीं'
सरकार का दावा है कि प्रदेश के अस्पतालों में रेमडेसिविर की कमी नहीं है. प्रदेश में अब तक सात अलग-अलग कंपनियों से 1लाख 88 हजार इंजेक्शन प्रदेश को मिल चुके हैं. केन्द्र 95 हजार इंजेक्शन और देगा.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन को प्रदेश के उन प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी निशुल्क मिलेगा, जो सरकार के साथ अनुबंधित हैं. जो अस्पताल सरकार से अनुबंधित नहीं हैं, उन्हें इंजेक्शन लेने के लिए 1,568 रुपए प्रति इंजेक्शन रेड क्रॉस में जमा कराने होंगे. सीएम ने बताया कि सभी जिलों को दवाएं खरीदने के लिए 13 करोड़ 64 लाख रुपए से ज्यादा का आवंटन जारी किया गया है.
'रेमडेसिविर की अब कमी नहीं' हैं तैयार हम: 1 मई से वैक्सीनेशन, MP सरकार ने दिया 35 लाख डोज का ऑर्डर
कोरोना वैक्सीन की किल्लत
कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही वैक्सीनेशन भी बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में 13 अप्रैल तक तक आबादी का कुल 0.77 प्रतिशत complete वैक्सीनेशन हो चुका है. पहला डोज 58,69,689 और दूसरा डोज 6,57,823 लोगों को लग चुका है. प्रदेश में अब तक 54 लाख लोगों को टीका लग चुका है.वैक्सीनेशन में भोपाल-इंदौर के बाद जबलपुर-ग्वालियर-नीमच शहर सबसे आगे हैं. मंगलवार को इंदौर में complete वैक्सीनेशन 58,536 लोगों का हो गया. भोपाल में 50,235 लोगों को दूसरा टीका लग चुका है. नीमच में भी 11,948 लोगों का complete वैक्सीनेशन हो गया है. नीमच से पहले एक प्रतिशत से अधिक वैक्सीनेशन में सिर्फ इंदौर , भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के नाम हैं.
दवा नहीं है, कैसे होगा वैक्सीनेशन! टीकाकरण शिविर हो सकते हैं बंद
आज की स्थिति में शहर में कोरोना की वैक्सीन खत्म हो गई है. इसके चलते टीकाकरण शिविर भी अब सूखने लगे हैं. राजधानी में नगर निगम ने 19 जोन में वैक्सीनेशन शिविर लगाकर वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था की थी. इसमें से कई वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन नहीं पहुंच पाई. अगर यही हालात रहे तो जल्द ही टीकाकरण शिविर बंद करने पड़ेंगे. नगर निगम के वैक्सीनेशन शिविर में जहां 500 लोगों का टीकाकरण होता था, ये संख्या अब 250 पर आ गई है.