भोपाल।मप्र का बजट सत्र हंगामेदार रहा, लेकिन आपको बता दें कि बजट (shivraj wants win 2023 election) के अंदर कई इंट्रस्टिंग पहलु भी देखने को मिले. ईटीवी भारत में बजट में वो खास बातें ढूंढ़ी जो इस बजट को पूरी तरह से चुनावी बजट बनाती हैं. कांग्रेस भले ही इस बजट को आंकड़ो की जादूगरी और झूठ का पुलिंदा बता रही हो, लेकिन असल में ये बजट 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए तैयार किया गया है. बजट में गांव, कृषि, इंफ्रास्टक्चर और खास तौर से केंद्र की योजनाओं पर फोकस किया गया है. चुनाव जिताने में बड़ा फैक्टर साबित होने वाली इन योजनाओं के लिए सरकार ने बजट में मोटी रकम अलॉट की है.
पीएम आवास योजना
प्रदेश सरकार के बजट में खासा फोकस गांवो और शहरी क्षेत्र में पीएम आवास बनाए जाने को लेकर कर है. सबका अपना घर हो और सभी जरूरतमंद लोगों के लिए अपने घर का सपना साकार करने के लिए शिवराज सरकार का प्लान इस बजट में दिखाई दिया है. प्रदेश सरकार इस साल 10 लाख लोगों को घर बनाकर देगी. इसके लिए बजट में 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसका सियासी गणित देखे तो पीएम आवास के जरिए शिवराज सरकार करीब 60 लाख वोटर्स को अपना बनाने की कोशिश करेगी,और जाहिर सी बात है कि मकान का सपना पूरा होने पर ये 10 लाख हितग्राही और उनसे जु़ड़े परिवार के चार से पांच लोग बीजेपी का वोट बैंक बढाएगें. आवासों के लिए आवंटित बजट की राशि में 4 गुना वृद्धि की गई है. इसमें केंद्र सरकार 6 हजार करोड़ और मप्र सरकार 4 हजार करोड़ रुपए देगी. सरकार का लक्ष्य तीन साल में 31 लाख लोगों को आवास मुहैया कराना है.
गांव, गरीब, किसान, दलितों पर फोकस
शिवराज सरकार ने बजट की शुरुआत रामराज्य से की और बताया गया कि रामराज्य की परिकल्पना को ये बजट साकार करेगा. बजट भाषण का अंत संत रविदास की चौपाई से किया गया. जिसका मतलब साफ है कि बजट के जरिए निचले वर्ग से लेकर ऊपर तक के वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. बीजेपी सरकार किसानों की नाराजगी को भूली नहीं है. 2018 में किसानों के गुस्से का खामियाजा शिवराज को झेलना पड़ा था. इसी को देखते हुए किसानों के लिए 41 हजार करोड़ का बजट रखा गया है. इसके साथ ही किसानों को हाइटेक बनाने के लिए सरकार उन्हें किराए पर ड्रोन भी मुहैया कराएगी. जिससे ड्रोन के जरिए कीटनाशक और दवाओं का छिड़काव कम खर्च में हो सकेगा.