हैदराबाद।रामानुजाचार्य की 1000वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समतामूर्ति सहस्राब्दी समारोह के आठवें दिन यानी बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी धर्म पत्नी साधना सिंह के साथ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद पहुंचे. ये समारोह शमशाबाद में श्री राम नगर के जीवा कैंपस में आयोजित किया गया. शिवराज सिंह के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी रामानुजाचार्य की प्रतिमा के दर्शन लिए आये थे. बीते 2 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 1000 करोड़ रुपये से बनी रामानुजाचार्य जी की स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी (Statue Equality) का लोकार्पण किया था.
स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी हम सबको प्रेरणा और दिशा देगी- शिवराज
हैदराबाद पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चिन्ना जियर स्वामी जी को मैं प्रणाम करता हूं, जिन्होंने यह दिव्य आयोजन कर बड़ा उपकार किया है. उन्होंने कहा कि रामानुजाचार्य की स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी हम सबको प्रेरणा और दिशा देगी. सीएम ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं हैदराबाद में श्री रामानुज सहस्राब्दी समारोह में सम्मिलित हुआ. इससे पहले मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान श्री चिन्ना जीयार स्वामी से उनके आश्रम में मिले. इसके बाद दोनों स्वामीजी के साथ मंदिर के लिए रवाना हुए. मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. श्री चिन्ना जीयार स्वामी को इलेक्ट्रिक वाहन से समतामूर्ति केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने 108 दिव्यक्षेत्रों की विशेषताओं के बारे में बताया.
भक्ति रूप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
रामानुज सहस्राब्दी समारोह में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा किभारत की संत परंपरा का प्रवाह नित्य, निरंतर प्रवाहमान है और यहां का दृश्य देखकर मेरा मन आनंद, प्रसन्नता एवं भावों से भरा है. 'एकम सत विप्रा बहुधा वदन्ति' की जो हमारे ऋषियों की उद्घोषणा थी, वह चरितार्थ हो रही है. सीएम ने कहा कि भाग्यवान व्यक्ति को ही संतों का सानिध्य प्राप्त होता है. "मैं परम सौभाग्यशाली हूं कि आप सभी संतों की छत्रछाया और आशीर्वाद मुझे प्राप्त हुआ. आज मेरा जीवन धन्य हो गया. मैं सभी संतों के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं." शिवराज सिंह ने कहा कि- "सनातन धर्म ने हजारों वर्ष पूर्व ही विश्व को 'अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम्'का संदेश दिया. परम श्रद्धेय श्री रामानुजाचार्य जी ने सामाजिक समानता का जो संदेश दिया, वह भावी पीढ़ियों को मार्ग दिखाता रहेगा."