भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नया इतिहास रचा है. वे भाजपा के ऐसे मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता बन गए हैं जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 11 दिन इस पद पर रह चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के डा. रमन सिंह का रिकार्ड तोड़ा है जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 10 दिन इस पद पर रहे थे.
शिवराज सिंह का सफरनामा
शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 29 नवंबर 2005 को पहली बार कमान संभाली थी. वे इस पद पर 12 दिसंबर 2018 तक निरंतर रहे. कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बढ़त बनाकर चौहान को कुर्सी छोड़ने को मजबूर कर दिया. उसके बाद कांग्रेस में घमासान मचा, 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया तो कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और फिर चैहान 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री बन गए.
'पांव पांव वाले भैया' से 'मामा' तक की कहानी
शिवराज सिंह चौहान की छवि मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐसे जन नेता के तौर पर है जिसने जमीन से लेकर सियासत के शिखर तक का सफर तय किया है. चौहान के पांव पांव वाले भैया से मामा तक बनने का सफर भी दिलचस्प है. शिवराज सिंह की पृष्ठभूमि किसी राजनीतिक परिवार से नहीं रही है और ना ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली. वे प्रदेश के सीहोर जिले के छोटे से जैत गांव के हैं. वहां से लेकर उन्होंने रिकॉर्ड 4 बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. शिवराज के बारे में कहा जाता है जब वो महज 9 साल के थे तब उन्होंने गांव के मजदूरों को दोगुना वेतन देने के लिए आंदोलन किया था. ये एक तरह से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत थी. शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक करियर के शुरुआती दिनों में पैदल ही गांव गांव यात्रा करते थे. इससे उनका नाम ही पांव पांव वाले भैया पड़ गया था.