भोपाल। मिशन 2023 से पहले मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह फिर से सोशल इंजीनियरिंग में जुट गए हैं. सीएम निवास में लगातार महापंचायतों का दौर शुरू हो गया है. 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि सरकार बनाने में जो सामाजिक समीकरण जरूरी हैं उनमें कहीं कोई चूक न हो जाए. यही वजह है कि सरकार समाज के हर तबके को खुश करने में जुट गई है. सीएम ने सोमवार को स्ट्रीट वेंडरों सीएम निवास पर मुलाकात की.
Shivraj Social Engineering मिशन 2023 के लिए शिवराज का फोकस, सोशल इंजीनियरिंग में जुटे CM, बुलाया स्ट्रीट वेंडरों का सम्मेलन - सीएम का फोकस जन कल्याण की योजनाओं पर
शिवराज इसी सोशल इंजीनियरिंग के दम पर 2008 और 2013 में सत्ता में बने रहे हैं, लेकिन 2018 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इसकी वजह अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के पार्टी से दूर होने और मिडिल क्लास वोटर्स पर आय का बोझ बढ़ना माना गया. इनसे सबक लेते हुए शिवराज सिंह ने लाडली लक्ष्मी, कन्या विवाह, बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं को नये सिरे से शुरू कर चुनावों के दौरान इन्हें भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है. Shivraj Social Engineering, conference of street vendors
आजमाया हुआ फॉर्मूला है सोशल इंजीनियरिंग: बालिकाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों, श्रमिक और कमजोर वर्ग के कल्याण पर फोकस करते हुए शिवराज इसी सोशल इंजीनियरिंग के दम पर 2008 और 2013 में सत्ता में बने रहे हैं, लेकिन 2018 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इसकी वजह अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के पार्टी से दूर होने और मिडिल क्लास वोटर्स पर आय का बोझ बढ़ना माना गया. इनसे सबक लेते हुए शिवराज सिंह ने लाडली लक्ष्मी, कन्या विवाह, बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं को नये सिरे से शुरू कर चुनावों के दौरान इन्हें भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है. यही वजह है कि वोटर्स से अपनी वोंडिग बनाए रखने के लिए सीएम शिवराज सोशल इंजीनियर पर फोकस करने के साथ ही अपनी पिछली सरकारों में लागू की गई योजनाओं को नए कलेवर में पेश कर रहे हैं.जिसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना का पार्ट 2 भी एक सफल योजना मानी जाती है.