भोपाल।शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की विशेष पूजा की जाती है और खीर का भोग लगाया जाता है. रात में आसमान के नीचे खीर रखी जाती है. ऐसा माना जाता है कि अमृत वर्षा से खीर भी अमृत के समान हो जाती है. ज्योतिषियों के मुताबिक यदि खीर को विशेष सामग्रियों से बनाया जाए और उसे विधि-विधान से ग्रहण किया जाए तो निश्चित ही तन-मन को नई ऊर्जा प्राप्त होगी.
ज्योतिषाचार्य पी खुराना ने बताया कि इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन रहेगी. मंगलवार 19 अक्टूबर की शाम पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी और पूरी रात रहेगी. इसलिए मंगलवार की रात को ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को भी पूरे दिन रहेगी और रात 8:26 बजे समाप्त हो जाएगी.
खीर में अवश्य डालें विशेष सामग्री
खुराना जी ने बताया कि आश्विन पूर्णिमा का ज्योतिष में खास महत्व है. पूरे वर्ष केवल इसी दिन ही चन्द्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ ही रात को खीर का प्रसाद बनायें, संभव हो तो चांदी या किसी सामन्य बर्तन में रात भर चांद की रोशनी में खुला रखें, जिससे की चंद्रमा की रोशनी उस खीर पर पड़े. खीर में किशमिश एवं बादाम जरूर डालें. इस खीर के प्रसाद में तुलसी के पत्ते भी डाले जाते हैं. प्रातः उस खीर का भगवान विष्णु को भोग लगाएं एवं पूरा परिवार उस खीर को ग्रहण करें.