भोपाल।शनि की साढ़े साती और अढ़ैया से पीड़ित जातकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. शनि ग्रह की चाल 23 अक्टूबर से परिवर्तित होने जा रही है. ज्योतिष में शनि देव को हानिकारक ग्रह के रूप में देखा जाता रहा है. शनि को अनुशासन, कानून और व्यवस्था, धैर्य, प्रतीक्षा, कड़ी मेहनत, श्रम एवं दृढ़ संकल्प आदि का प्रतीक माना जाता है. ये जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. मार्गी शनि से पांच राशि के लोगों को राहत मिलेगी. शनिदेव 23 अक्टूबर को मार्गी होने जा रहे हैं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अपनी स्थिति में बदलाव करता है तो इसका सभी जातकों (पात्रों या लोगों) के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
शनि की साढ़े साती और अढैया चल रही:मार्गी स्थिति में आते ही शनि कुछ राशियों के लिए बेहद खास फल देने लगेंगे. मार्गी शनि में विशेष रूप से वे राशियां शामिल हैं, जिन्हें शनि की साढ़े साती और अढैया चल रही है. हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव की महिमा अपरंपार बताई गई है. शनि देव मनुष्यों को उनके अच्छे और खराब कर्मों के हिसाब से उन्हें फल देते हैं. इसलिए इन्हें न्याय के देवता कहते हैं. शनिदेव सभी नौ ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने गए हैं. यह किसी एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं. शनि के मार्गी होने का अर्थ है कि अब शनि सीधी चाल से चलेंगे. शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार को काले तिल का लड्डू गाय को खिलाना चाहिए. रोजाना संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करना चाहिए.