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'फॉल्स फ्लैग' के बहाने रूस कर सकता है यूक्रेन पर हमला, छात्रों के परिजनों ने लगाई मदद की गुहार, एमपी सरकार ने दिया भरोसा - इंदौर के छात्र यूक्रेन में फंसे

ऐसी खबरें आ रही हैं कि 'फॉल्स फ्लैग' का बहाना लेकर रूस यूक्रेन पर हमले की कार्रवाई कर सकता है. इस बीच यूक्रेन में फंसे एमपी के छात्रों के लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. राज्य सरकार ने कदम उठाने की बात कही है.

Russia Ukraine Conflict MP government taking necessary steps to bring back Madhya Pradesh students stuck in Ukraine
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ा तनाव

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Published : Feb 21, 2022, 1:00 PM IST

भोपाल। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी है. अमेरिका आरोप लगा रहा है कि रूस पर विश्वास करना कठिन है. कुछ मीडिया रिपोर्ट बता रहे हैं कि हो सकता है रूस कहीं 'फॉल्स फ्लैग' का बहाना न बना ले. इसके आधार पर रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है. ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर चिंता बढ़ गई है. देश के 20 हजार बच्चे वहां फंसे हुए हैं. हालांकि, भारत सरकार ने सभी को वहां से भारत लौटने की सलाह दी है. देश में छात्रों के परिजन सरकार से छात्रों की घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं, मध्य प्रदेश के इंदौर से ही अकेले करीब 60 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं.

सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है- नरोत्तम मिश्रा

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंकाओं के बीच मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि- "यूक्रेन में रह रहे मध्य प्रदेश के स्टूडेंट्स को वापस लाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. केंद्र ‌सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है".

Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन में फंसे हैं इंदौर के 60 बच्चे, परिजनों ने सासंद से लगाई सलामत वापसी की गुहार

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं भारत के बच्चे

यूक्रेन में हजारों भारतीय बच्चे मेडिकल प्रैक्टिस (Medical Practice) और मेडिकल का कोर्स कर रहे हैं. इनमें इंदौर के बच्चों की संख्या भी करीब 60 है. अब जबकि रूस यूक्रेन पर हमला करने की आशंका गहरा गई है तो यह तमाम बच्चे भी किसी तरह अपने देश लौटने की कोशिशों में जुटे हैं. हालांकि यूक्रेन एंबेसी ओर विदेश मंत्रालय से सभी का संपर्क नहीं हो पाने के कारण कई बच्चों ने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो वायरल करके भारत सरकार एवं विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है.

क्या है 'फॉल्स फ्लैग' ?

फॉल्स फ्लैग एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, इंसानी जान को नुकसान पहुंचाता है जबकि दुनिया के सामने वह यह बताता है कि उसके दुश्मन देश ने ऐसा किया है. इसकी आड़ में ऐसा करने वाला देश अपने शत्रु देश पर हमला कर देता है. फॉल्स फ्लैग हमला और इसमें शामिल आरोपी देशों का एक लंबा इतिहास रहा है. इस शब्द की उत्पत्ति समुद्री लुटेरों के लिए हुई जो मैत्रीपूर्ण (और झूठे) झंडों को लगाकर व्यापारी जहाजों को पर्याप्त रूप से नजदीक आने के लिए आकर्षित करते थे ताकि उन पर हमला किया जा सके.

एमपी के कई छात्र यूक्रेन में फंसे, परिजनों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

20वीं सदी फॉल्स फ्लैग से जुड़े कई मामले हैं. वर्ष 1939 में नाजी जर्मनी के एजेंटों ने पोलैंड की सीमा के निकट एक जर्मन रेडियो स्टेशन से जर्मन-विरोधी संदेश प्रसारित किए. उन्होंने कई नागरिकों की भी हत्या कर दी, जिन्हें उन्होंने पोलैंड पर जर्मनी के नियोजित आक्रमण का बहाना बनाने के लिए पोलिश सैन्य वर्दी पहनाई थी. उसी वर्ष सोवियत संघ ने फिनलैंड की सीमा के पास से सोवियत क्षेत्र में गोले दागे और फिनलैंड को दोषी ठहराया.

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