भोपाल। 1 अप्रैल 2022 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है. साथ ही इस दिन से कई नियमों में भी बदलाव हो रहे हैं जिनका सीधा आपकी जेब पर असर पड़ने वाला है. जहां एक ओर पीएफ खाते से लेकर जीएसटी तक के नियम बदल जाएंगे, तो वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो में निवेश करने वालों पर भी टैक्स की मार पड़ेगी. गैस सिलेंडर के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. यानि एक बार फिर महंगाई का बोझ जनता के उपर आने वाला है.
पीएफ रिटर्न पर टैक्स: 1 अप्रैल, 2022 से आयकर विभाग पीएफ रिटर्न पर कर लगाना शुरू करेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर को लागू करना शुरू कर देगा. 1 अप्रैल से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और सामान्य भविष्य निधि दोनों को इस नियम के दायरे में लाएगा. यानि अब आपके पीएफ पर भी टैक्स लगना शुरू हो जाएगा. ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है. इससे ऊपर योगदान करने पर आय पर टैक्स लगेगा. वहीं सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा 5 लाख रुपये सालाना है.
क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स:सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (tax on crypto currency) पर टैक्स के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव किया है. बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट या क्रिप्टो एसेट पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया था. क्रिप्टो एसेट बेचने पर होने वाले फायदे से सरकार को टैक्स देना पड़ेगा. इसके साथ ही क्रिप्टो एसेट बेचा तो उसकी बिक्री का एक फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाएगा.
बढ़ जाएगा दवाओं का खर्च:आम लोगों को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है. अब मेडिसिन के दाम बढ़ने वाले हैं. 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की वृद्धि होने वाली है. इनमें बुखार की बुनियादी दवा पैरासिटामॉल भी शामिल हैं. राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारक प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इन दवाओं के थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. (medicines will be expensive)
पोस्ट ऑफिस में बदल जाएगा ये नियम:डाकघर की योजनाओं जैसे मासिक आय योजना (एमआईएस), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) या डाकघर टर्म डिपॉजिट में निवेश से जुड़े नियम बदलने वाले हैं. इन योजनाओं में ब्याज की रकम को कैश नहीं निकाल सकेंगे. इसके लिए आपको बचत खाता खोलना पड़ेगा. वहीं जिन ग्राहकों ने अपने डाकघर बचत खाते या बैंक खाते को योजनाओं से लिंक नहीं किया है, और ऐसे मामलों में ब्याज का पेमेंट नहीं हो पा रहा है, इस कंडीशन में उसे लिंक कराना जरूरी होगा.