भोपाल। झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए महज कुछ ही दिन शेष है. यहां पर मध्यप्रदेश का सत्ताधारी दल कांग्रेस भाजपा की एक सीट छीनकर अपनी सीट बढ़ाने की फिराक में है। तो भाजपा फिर एक बार कांग्रेस को पटखनी देकर मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश में है. कांग्रेस ने यहां कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया को मैदान में उतारा है। तो बीजेपी ने भी जातीय और आदिवासी वोट बांटने के लिए युवा नेता भानु भूरिया को मैदान में उतारा है.
भूरिया VS भूरिया, कौन किस पर पड़ेगा भारी ? माना जा रहा है कि इसके पीछे बीजेपी यह मानकर चल रही है कि अगर भूरिया जाति के वोट बट जाते हैं, तो बीजेपी यह चुनाव जीत सकती है। हालांकि कांग्रेस का मानना है कि झाबुआ के मतदाता विकास की राजनीति को महत्व देते हैं. जाति और धर्म की राजनीति में नहीं पड़ते हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि अपने 30 साल के राजनीतिक जीवन में कांतिलाल भूरिया ने झाबुआ के विकास के लिए कोई बड़ा काम नहीं किया, इसलिए बीजेपी की जीत सुनिश्चित है.
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा कांग्रेस ने किया जीत का दावा
इन समीकरणों को लेकर कांग्रेस विधायक और जयस नेता डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि भाजपा ने भूरिया के सामने भूरिया को उतारा है. लेकिन कांतिलाल भूरिया एक बड़ा नाम हैं और बड़े आदिवासी चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं. उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उनके सामने कोई भूरिया चुनाव लड़े. वहां की जनता कांतिलाल भूरिया के पक्ष में हैं और वही भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे. जहां तक जातिगत वोटर बांटने की कोशिश भाजपा कर रही है, तो आदिवासी धर्म और जाति वाली राजनीति नहीं करते हैं, वहां विकास की राजनीति चलती है. सीएम कमलनाथ विकास के मुद्दे पर बेहतरीन काम कर रहे हैं,उनका विकास को लेकर अलग विजन हैं। वहां के आदिवासी और युवा इस बात को समझ रहे हैं. इस चुनाव में कांग्रेस की मदद करेंगे और भारी बहुमत से जिताएंगे.
बीजेपी ने भरी हुंकार
इस मामले में बीजेपी नेता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि झाबुआ में भानु भूरिया बीजेपी के प्रत्याशी हैं और बहुत अच्छे अंतर से चुनाव जीतने जा रहे हैं. जहां तक कांतिलाल भूरिया को कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव में झाबुआ की जनता ने खारिज कर दिया था और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी खारिज हो चुकी थी. मैं समझता हूं कि कांग्रेस के लिए वहां कोई संभावना नहीं है. झाबुआ विधानसभा के हर गांव में आक्रोश का माहौल है। 30 साल तक कांतिलाल भूरिया वहां से सांसद, विधायक, केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं. लेकिन जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ. इसलिए कांतिलाल भूरिया को जनता का आक्रोश झेलना पड़ेगा और बीजेपी भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी.