भोपाल।दीपावली का त्योहार सिर्फ खुशियां मनाने तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि ये त्योहार समृद्धिदायक भी है. दीपावली के त्योहार का सभी स्त्री, पुरुष, बच्चे बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार यह दिन ऐसा है कि सामान्य पूजा-पाठ और आसान से उपाय करके हम अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त कर सकते हैं. साधु-संन्यासी भी इस त्योहार का इंतजार करते हैं और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं क्योंकि दीपावली की रात बहुत ही शुभ मानी जाती है. यह साधनाओं की सिद्धि तथा तंत्र, मंत्र और यंत्रों के लिए विशेष रूप से फलदाई मानी जाती है.
शगुन शास्त्र के अनुसार इस दिन होने वाले कुछ शगुन व्यक्ति के जीवन में आने वाले अच्छे समय का संकेत देते हैं. लोक मान्यताओं में दिवाली से जुड़े पशु-पक्षियों के शगुन बहुत ही ज्यादा प्रचलन में हैं. सबसे पहले बात करते हैं उल्लू तंत्र की. कुछ मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी जी उल्लू की सवारी करती हैं. दिवाली की रात किस शगुन का होना या दिखाई देना शुभ माना जाता है जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...
दिवाली की रात पहचानें खुशहाली के संकेत, पूरे होंगे सपने
दिवाली के रामबाण उपाय
दिवाली के दिन पूजन के समय 11 कौड़ियों को गंगाजल से धोकर हल्दी, कुमकुम लगाएं और मां लक्ष्मी को अर्पण करें. कौड़ियों को लक्ष्मी जी (laxmi ji) के सामने रखा रहने दें और अगले दिन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें. इससे घर में धन-समृद्धि की कमी नहीं होती है. दीपावली के दिन श्री सूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र, हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी सूक्त का पाठ अवश्य करें. अगर हो सके तो सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है. इन स्तोत्र और पाठ को सुन भी सकते हैं. CD, DVD और मोबाइल पर भी सुन सकते हैं.
दिवाली के दिन एक नई झाड़ू अवश्य खरीद लाएं. पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें, जब इस झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखें, लक्ष्मी जी का आगमन होगा. दिवाली के दिन मंदिर में झाड़ू का दान अवश्य करें. दीपावली के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं, पीपल को प्रणाम करके अपनी मनोकामना कहें, मां लक्ष्मी का ध्यान करें फिर लौट जाएं और पीछे पलटकर ना देखें. ध्यान रखें यह क्रिया बिल्कुल चुपचाप करें.
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दीपावली के दिन पूजा में श्रीयंत्र, लक्ष्मी यंत्र और कुबेर यंत्र स्थापित करें. स्फटिक के श्रीयंत्र (shri yantra) की स्थापना कर सकते हैं. कनकधारा यंत्र, श्री गणेश (ganesh) और धन की देवी लक्ष्मी के संयुक्त यंत्र 'महायंत्र' की विधिवत स्थापना कर सकते हैं. महालक्ष्मी यंत्र, श्री मंगल यंत्र की विधिवत स्थापना कर पूजा करें. प्रतिदिन धूप-दीप से यंत्रों की पूजा करें. दीपावली के दिन सुबह के समय अगर गन्ने की जड़ को निमंत्रण और नमस्कार करके घर में लाएं. रात्रि में लक्ष्मी पूजन के समय गन्ने की जड़ की भी पूजा करें, तो ऐसा करने से लक्ष्मी जी का वास घर में होता है.
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दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के समय या किसी भी लक्ष्मी मंदिर में मां को सुगन्धित धूप, इत्र और केसर जरूर अर्पित करें, अगले दिन से पूरे वर्ष इस केसर का तिलक और इत्र लगाकर काम पर जाने से काम में सफलता मिलती है. दीपावली के दिन शाम को दिवाली के पूजन से पहले आप किसी भी गरीब सुहागिन स्त्री को अपनी पत्नी के द्वारा सुहाग सामग्री अवश्य दिलवाएं, सामग्री में इत्र अवश्य ही हो. इससे माँ लक्ष्मी की कृपा से उस घर में पूरे वर्ष धन की कोई भी कमी नहीं होती है.
घर में क्लेश हो, सुख-शांति दूर हो गई है तो दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के पूजन के बाद एक डिब्बी में सिंदूर रखकर, दो गोमती चक्र लेकर उसके ऊपर रख लें. अब इसे घर के किसी कोने में रख दें, इसे किसी को भी ना बताएं. घर में क्लेश समाप्त हो जाएगा. दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन में पीली कौड़ी, काली हल्दी की गांठ का भी पूजन करें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी या धन स्थान में रखें. इसके साथ ही रात्रि में हत्था जोड़ी को सिंदूर में भरकर किसी डिबिया / बर्तन में रखकर तिजोरी में रखने से धन संबंधी सभी परेशानी दूर होगी.
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दीपावली वाले दिन शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाएं. ध्यान रहे चावल खंडित न हो यानी चावल टूटे हुए नहीं होने चाहिए. ये क्रिया मंदिर में ही करें. दिवाली से पहले धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीस कर उस के घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से धन आने के नए द्वार खुलेंगे. दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के वक्त मोती शंख या दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें. इसके बाद दूसरे दिन उन्हें अपनी तिजोरी में रख दें. यह टोटका परिवार वालों के मध्य में प्रेम की वृद्धि करता है, धन संबंधी सभी परेशानी दूर होगी.
दीपावली के दिन अमावस्या होती है अतः अपने पूर्वजों को अवश्य याद करें, प्रातः उनका तर्पण करें और किसी ब्राह्मण या गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं, दान दें , ऐसा करने से आपको पित्तरों से सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है. धनतेरस और दीपावली के दिन गाय गुरू, मंदिर, पशु-पक्षियों और जरूरतमंदो की सेवा या मदद करें.
साफ-सफाई से जुड़ी मान्यता
देवी लक्ष्मी साफ-सुथरी और सकारात्मक वातावरण वाली जगह पर ही निवास करती हैं. ऐसे में सबको दिवाली (diwali) से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए. ध्यान रखें कि घर में कूड़ा, रद्दी और गंदगी न हो. दीपावली (dipawali) त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है तो इस दौरान घर की साफ-सफाई करना जरूरी होता है. धनतेरस पर झाड़ू और साफ-सफाई से जुड़ी चीजें खासतौर पर खरीदी जाती हैं.
अन्य मान्यताएं
मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए. दिन में सोने से नकारात्मकता और आलस्य आती है. दीपावली(deepawali) और धनतेरस जैसे अन्य त्योहार के दिनों में तो बिलकुल भी नहीं सोना चाहिए. ये भी लोक मान्यता है कि दीपावली और धनतेरस के दिन किसी को भी धन उधार नहीं देना चाहिए, लेकिन जरूरतमंद को दान कर सकते हैं.