भोपाल। एमपी में प्राइमरी टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट पास कर चुके प्रदेश भर के अभ्यार्थी हर दिन सरकार को चिट्ठी लिख Teachers Letter Campaignरहे हैं. इस लैटर कैम्पेन में अब तक 200 से ज्यादा चिट्ठियां भेजी जा चुकी हैं. चिट्ठियां लिखने और भेजने का यह सिलसिला आज भी जारी है. लोकशिक्षण विभाग और जनजातीय आयुक्त के नाम लिखी जा रही चिट्ठियों में मांग की गई है कि प्रदेश में 12 साल से प्राइमरी टीचर्स के जो 1 लाख से ऊपर पद खाली है उन्हें भरा जाए. साथ ही सरकार जल्द से जल्द 51 हजार पदों का विज्ञापन जारी करे. बीती आठ अगस्त को प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में 1 लाख 78 हज़ार परीक्षार्थी चयनित हुए हैं. इन चयनित अभ्यर्थियों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार हमारी मांग नही मानती है तो वे 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन भोपाल Teachers go on hunger strikeमें भूख हड़ताल करेंगे.
चिट्ठी में गुहार, बच्चों पर रहम करो:प्राथमिक शिक्षा एक अच्छे छात्र के भविष्य की नींव होती है. लिहाजा प्राथमिक शिक्षा पात्रता परीक्षा पास कर चुके ये शिक्षक दुहाई दे रहे हैं कि प्रदेश में करीब दो लाख से ऊपर स्कूल केवल एक टीचर के भरोसे हैं. ऐसे हालात में भी बीते बारह साल से प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है. करीब 1 लाख 25 हजार के लगभग प्राइमरी टीचर के पद खाली हैं. चिट्ठियों के जरिए सरकार को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि चुनावी साल है ऐसे में तो वह नींद से जागे. प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट भी पीईबी की तरफ से जारी हो चुका है, लेकिन अभी तक भर्तियां नहीं निकाली गई है. इस चिट्ठी में मांग की गई है कि भर्ती में मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाए. साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग की संयुक्त काउंसलिंग की जाए.
एमपी में प्राथमिक टीचर्स के 1 लाख पद खाली स्कूल खाली, टीचर तैयार फिर देरी क्यों: जानकारी के मुताबिक-- मध्य प्रदेश में कुल दो लाख 36 हज़ार प्राथमिक स्कूल हैं जिनमें से 21 हज़ार ऐसे स्कूल हैं जिसमें 1 शिक्षक के भरोसे पढ़ाई चल रही है. -2012 के बाद से एक भी प्राइमरी शिक्षक की भर्ती नहीं हुई है जबकि हर साल सैकड़ों की तादात में शिक्षक रिटायर होते हैं.- प्रदेश में लगभग चालीस हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों से काम करवाया जा रहा है.- बीते 10 साल के दौरान पांच लाख डीएलएड किए हुए छात्र बेरोजगार घूम रहे हैं.- टीचरों के संगठन का आरोप है कि पिछले तीन साल में पड़ोसी राज्य राजस्थान , उत्तरप्रदेश में हजारो पदों पर शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है. लेकिन मध्यप्रदेश में शिक्षकों के करीब 87000 पद खाली पड़े हुए हैं.
शिक्षक दिवस पर भोपाल में करेंगे भूख ह़ड़ताल: प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों का सरकार की नींद खोलने के लिए चलाया जा रहा लैटर कैम्पेन आखिरी दांव है. प्रदेश भर से हर दिन अभ्यर्थी आयुक्त को चिट्ठी लिख रहे हैं. प्राथमिक चयनित शिक्षक संगठन से जुड़े रोहित चौधरी बताते हैं कि ' शिक्षा विभाग और जनजाति विभाग में लाखों पद खाली पड़े हैं. सरकार ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ली और उसका रिजल्ट भी जारी कर दिया है, लेकिन हैरत की बात ये है कि कितने पद भरे जाएंगे इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया. हमारी मांग है कि 51 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जल्द जारी किया जाए. चौधरी इस बात से नाराजगी जताते हैं कि प्रदेश भर से अभ्यर्थी चिट्ठियां लिख रहे हैं, लेकिन अब तक ना शिक्षा मंत्री की ओर से कोई बयान आया ना शिक्षा विभाग के आयुक्त ने पत्र का जवाब दिया. हम पांच सितम्बर तक प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके बाद पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन और भोपाल में भूख हड़ताल शुरु की जाएगी.