भोपाल।23 साल बाद मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम ने रणजी ट्राफी में दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया और पहली बार खिताब अपने नाम किया. मध्यप्रदेश को पहली बार चैंपियन बनाने टीम के कप्तान भोपाल के आदित्य श्रीवास्तव है. उनमें नेतृत्व क्षमता बचपन से विकसित हो गई थी. 11 साल की उम्र में एमपी की अंडर 14 टीम में प्रवेश किया और टीम की कप्तानी भी की थी. अंडर 19 कूच बिहार ट्राफी में भी आदित्य मध्यप्रदेश टीम का हिस्सा रहे हैं. वहीं इसको लेकर आदित्य के माता-पिता से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि आदित्य को फिटनेस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लगती है. आदित्य भले कोई काम ना करें, लेकिन एक्सरसाइज और फिटनेस उनका रूटीन है.
एमपी ने जीता रणजी ट्राफी: एमपी की टीम ने फाईनल मैच में मुंबई को हराकर जीत का खिताब खुद के नाम किया है. (Ranji Trophy 2022) दरअसल 1999 में टीम चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में पहली बार रणजी के फाइनल में पहुंची थी, हालांकि उस समय कर्नाटक के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में एमपी को हार का सामना करना पड़ा था. फिलहाल अब चंद्रकांत पंडित ही टीम के कोच हैं, उन्हीं की कोचिंग में ही टीम इस बार 22 जून से मुंबई के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उतरी और आज यानी 26 जून को जीत का खिताब अपने नाम किया. अब टीम के सदस्यों की हौसला अफजाई करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट शेयर किया है.
आदित्य के माता-पिता ने ईटीवी भारत से बात की: मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव भोपाल के रहने वाले हैं. अपने माता-पिता के साथ रहने वाले आदित्य शुरू से ही क्रिकेट के प्रति रुचि रखते थे. ईटीवी भारत की टीम भी आदित्य श्रीवास्तव के घर पहुंची, और उनके माता-पिता से बात की. आदित्य पिता राकेश श्रीवास्तव एक बिजनेसमैन हैं. वह कहते हैं कि इससे बड़ा कोई दिन नहीं होता जब बेटे के नाम से माता-पिता को जाना जाए. बेटे ने आज उनका सर गर्व से ऊंचा कर दिया है. आदित्य के पिता कहते हैं कि आदित्य को सबसे ज्यादा कठिन स्थिति में पिच पर कैसे टिका रहे यह आता है. वह गंभीरता से क्रिकेट खेलते हैं.