भोपाल।चैत्र मास की पंचमी तिथि 22 मार्च को रंग पंचमी मनाई जाएगी. इसे श्रीपंचमी और देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. दो साल बाद राजधानी भोपाल में रंग पंचमी का त्योहार दोगुने उत्साह के साथ मनाया जाएगा. रंग पंचमी पर निकलने वाले चल समारोह में इस बार 300 किलो भगवा गुलाल हुरियारों पर बरसाया जाएगा. चल समारोह में डीजे और ढोल नगाड़े भी होंगे.
22 मार्च को मनाई जाएगी रंग पंचमी भोपाल में हुरियारों पर बरसा भगवा गुलाल सुभाष चौक से हनुमानगंज तक निकलेगा जुलूस
हिंदू उत्सव समिति द्वारा निकाले जाने वाले इस चल समारोह के संयोजक ने बताया कि कोरोना के चलते दो साल बाद पारंपरिक चल समारोह निकल रहा है. चल समारोह सुभाष चौक से शुरू होकर लोहा बाजार, जुमेराती, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, भवानी चौक, लखेरापुरा होते हुए घोडा नक्कास हनुमानगंज में जाकर समाप्त होगा.
झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र
रंग पंचमी के चल समारोह में आकर्षक झांकियां भी निकाली जाएंगी. चल समारोह में भगवान की मूर्तियों के साथ ही राधा कृष्ण की होली खेलते हुए और राम दरबार के साथ सजे रथ आकर्षण का केंद्र होंगे. रंग पंचमी के चल समारोह में ढोल, नगाड़े और डीजे की धुन पर हुरियारे हर गली में रंग खेलेंगे. 5 किलोमीटर के चल समारोह का हर जगह पर स्वागत किया जाएगा, और हुरियारों पर नगर निगम के टैंकों से और मशीनों के जरिए गुलाल बरसाया जाएगा.
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ये है रंग पंचमी का महत्तव
रंग पंचमी के दिन गुलाल को आसमान की ओर फेंका जाता है. ये गुलाल उस दिन देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि रंग बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवता काफी प्रसन्न होते हैं, और इससे पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता है. ऐसे में आसमान में फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक गुणों का नाश होता है, उसके अंदर की नकारात्मकता का अंत होता है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है. (saffron gulal showered on Hurriyars in Bhopal) (Hurriyars in Bhopal on Rangpanchmai occassion)