भोपाल। मध्यप्रदेश में खाली हुई 2 राज्यसभा सीटों पर महिला प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने सबको अचंभित कर दिया. खास तौर से सबसे चौंकाने वाला नाम सुमित्रा वाल्मीकि का था. बीजेपी ने जबलपुर की सुमित्रा वाल्मीकि को मैदान में उतारा है. सुमित्रा ने कहा कि आजादी के 75वर्ष में पहली बार कोई दलित महिला राज्यसभा जा रही है. ये एक जिम्मेदारी बड़ी है जिसके लिए पार्टी ने मुझे चुना है. सुमित्रा वाल्मीकि जबलपुर की वरिष्ठ नेता हैं और तीन बार पार्षद रह चुकी हैं. उन्होंने जबलपुर नगर निगम के अध्यक्ष पद पर भी काम किया है. वहीं राज्यसभा का नामांकन दाखिल करने के बाद बीजेपी कार्यालय पहुंची सुमित्रा वाल्मीकि ने Etv Bharat से बात की.
सुमित्रा वाल्मिकि ने भरा राज्यसभा सांसद का पर्चा जेपी नड्डा के ससुराल पक्ष की भूमिका अहम: सुमित्रा वाल्मीकि को राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर माना जा रहा है कि, इसके पीछे की वजह जेपी नड्डा की सास जयश्री बनर्जी रहीं. इसका खुलासा सुमित्रा वाल्मीकि ने ईटीवी भारत से बातचीत में किया. उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा की ससुराल का हमेशा सहयोग मिला है, नड्डा के परिवार से 30 साल पुराने संबंध हैं और उनकी मदद हमेशा मिलती रही है.
सुमित्रा वाल्मिकि को कैसे मिला और किसने दिलाया टिकट कैसे मिला और किसने दिलाया टिकट:सूत्रों की माने तो एमपी बीजेपी के प्रदेश के बड़े नेताओं तो पता ही नहीं था कि मध्य प्रदेश के कोटे से दूसरी सीट किसे मिलेगी. अटकलें लगाई जा रही थीं कि एक सीट दिल्ली की कोटे में जाएगी और नाम वहीं से आएगा. लेकिन देर रात सुमित्रा वाल्मीकि का नाम जारी कर प्रदेश बीजेपी के नेताओं को चौंका दिया गया.
दलित महिला को बीजेपी ने दी बड़ी जिम्मेदारी सुमित्रा को वाल्मीकि समाज का फायदा मिला: सुमित्रा वाल्मीकि का संबंध जेपी नड्डा के परिवार से है. बीजेपी आने वाले चुनाव में दलितों को साधना चाहती है और इसी वजह से यह माना जा रहा था कि दलित चेहरा ही सामने रहेगा. लेकिन कौन होगा, इसे लेकर पेंच फंसा हुआ था. पार्टी के नेताओं के मुताबिक जेपी नड्डा के परिवार ने सुमित्रा के नाम को भेजा, जिस पर पार्टी ने सर्वे कर उनके नाम को आगे रखा और केंद्रीय नेतृत्व ने वाल्मीकि समाज के नाते उन्हें राज्यसभा का टिकट दे दिया.
निचले स्तर के कार्यकर्ता को बड़ा पद: सीएम शिवराज ने कहा कि, पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिनके पास प्रॉपर्टी के नाम पर कुछ भी नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की ये बीजेपी में ही संभव है कि, निचले स्तर के कार्यकर्ता को बड़ा पद मिल जाए. इसका जीता जागता उदाहरण वाल्मीकि समाज से आने वाली सुमित्रा हैं. शिवराज सिंह ने कहा कि जब हम उनका राज्यसभा नामांकन दाखिल करने गए तो, उनके पास धन दौलत के नाम पर कुछ नहीं था. उनका नॉमिनेशन फॉर्म भरना बहुत सरल था.