भोपाल।देश के राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव (Presidential Election 2022) के दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग अब भी पार्टी के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है. कांग्रेस लगातार ऐसे विधायकों की खोज में लगी है, जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी. लेकिन अब तक किसी तरह की कामयाबी हाथ नहीं लगी है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान में कांग्रेस की एकजुटता को एक बार फिर तार तार करने का काम किया है. इससे तमाम बड़े नेता सकते में है.(president election cross voting)
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की अबूझ पहेली: कांग्रेस को यशवंत सिन्हा के समर्थन में जितने वोट मिलने की उम्मीद थी उससे कम वोट मिले हैं. राज्य में विधायकों की संख्या 230 है. इसमें से कांग्रेस के विधायक 96 हैं, और दो निर्दलीय विधायकों ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान किया था. इस तरह सिन्हा को मध्य प्रदेश से 98 वोट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि उन्हें 79 वोट ही मिले. एक तरफ कांग्रेस को जहां कम वोट मिले तो वहीं भाजपा के 127 विधायक के मुकाबले 146 वोट द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में पड़े. इस तरह भाजपा को कांग्रेस सहित अन्य विधायकों का भी साथ मिला. इसके अलावा पांच वोट निरस्त हुए हैं. (mp congress cross voting)