दिल्ली/भोपाल। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आज आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों (Padma Award 2020) से सम्मानित किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस साल 119 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया. 7 लोगों को पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) , 10 लोगों को पद्म भूषण (Padma Bhushan ) और 102 पद्म श्री अवार्ड (Padma Shri Awards) दिए गये. पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं, 16 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता और 1 ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता हैं.
सुमित्रा महाजन को पद्म भूषण सम्मान
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष व इंदौर से 8 बार सांसद रहीं बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन को उनकी सार्वजनिक सेवाओं के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया.
सुमित्रा महाजन जीवन परिचय
महाराष्ट्र के चिपलुन में 12 अप्रैल 1943 को जन्मी सुमित्रा महाजन इंदौर के अधिवक्ता जयंत महाजन से शादी के बाद इंदौर आई थीं. इसके बाद वे इंदौर की पहचान बन गई. ताई के नाम से देश भर में मशहूर सुमित्रा महाजन इंदौर लोकसभा सीट से लगातार 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली एकमात्र सांसद हैं. सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा में दूसरी महिला लोकसभा अध्यक्ष बनी थीं.
सम्मान मिलने की घोषणा पर क्या बोलीं थीं सुमित्रा महाजन ?
लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि उनके माता पिता और परिजनों के द्वारा जो संस्कार दिए गए हैं उसके कारण ही यह सम्मान पाना संभव हो सका है. सुमित्रा महाजन के मुताबिक बहुत काम करने के बाद यह पुरस्कार मिलता है और व्यक्ति कभी भी काम से रिटायर नहीं होता है. सम्मान मिलने पर उन्होंने खुशी जताई.
सुमित्रा महाजन के मुताबिक स्पीकर का पद मिलने की भी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन यह सम्मान मिलने के बाद वह सब की आभारी हैं. साथ ही सुमित्रा महाजन ने पॉलिटिक्स को लेकर यह भी कहा कि राजनीति में उतरने का कोई कारण उनका दिखता नहीं है और उन्होंने कभी भी पॉलिटिक्स नहीं की है. उन्होंने कहा कि वे समाज में जो काम करती रहीं है वह हमेशा करती रहेंगी.
फिर छा गईं इंदौर की 'ताई', पद्म भूषण सम्मान मिलने पर कही ये बात
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
सुमित्रा महाजन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद का चुनाव लड़कर की थी. इसके बाद उन्हें इंदौर का उपमहापौर भी बनाया गया. सुमित्रा ताई इंदौर-3 विधानसभा से वे पहली बाहर विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरी. लेकिन उन्हें कांग्रेस के महेंश चंद्र जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. यह सुमित्रा महाजन की राजनीतिक जीवन एक मात्र हार थी. 1980 में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी के खिलाफ इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया गया. सुमित्रा महाजन ने उन्हें चुनाव हराकर पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता.
इसके बाद जो सफर शुरू हुआ वह 2014 तक जारी रहा. ताई लगातार 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के आम चुनावों में लगातार सांसद चुनी गईं. पिछली लोकसभा के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी वरिष्ठता और लगातार जीत के कारण उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी. जो उन्होंने सफलतापूर्वक निभाई, हालांकि पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने का मन भी ताई का था,लेकिन मौका नहीं मिला. हालांकि अब मोदी सरकार ने ही उनकी राजनीतिक सेवा और समर्पण का सम्मान करते हुए उन्हें पद्मभूषण सम्मान देने का एलान किया है. जिसे लेकर सभी जनप्रतिनिधि और इंदौर वासी खासे खुश हैं.
30 सालों तक इंदौर का प्रतिनिधित्व
- सुमित्रा महाजन ने देश के सबसे स्वच्छ शहर का 30 सालों तक प्रतिनिधित्व किया है. सुमित्रा महाजन 8 बार इंदौर की सांसद रही हैं.
- सुमित्रा महाजन के नाम एक अन्य रिकॉर्ड भी है. वे देश की एकमात्र महिला सांसद हैं, जिन्होंने एक ही लोकसभा क्षेत्र से लगातार आठ बार चुनाव जीता है.
- विपक्षी नेता भी उनका बहुत सम्मान करते हैं. 16वीं लोकसभा के दौरान नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में सुमित्रा ताई के राजनीतिक अनुभव और वरिष्ठता को सम्मान देते हुए उन्हें 16वीं लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि 2019 के चुनाव में उन्हों चुनाव नहीं लड़ा.