भोपाल. मध्यप्रदेश की सियासत में इन दिनों 'तिरंगा' एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. दोनों ही सियासी पार्टियां इसे लेकर न सिर्फ एकदूसरे पर जुबानी हमले कर रही हैं, बल्कि अपने अपने राजनीतिक दांव भी चल रही हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जहां 9 अगस्त को तिरंगा सम्मान महोत्सव मनाने और पदयात्रा निकालने का ऐलान किया तो बीजेपी ने भी ऐलान कर दिया है कि तिरंगे के सम्मान में सीएम शिवराज अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ पैदल मार्च करेंगे, हालांकि अभी इसकी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन तिरंगे के सम्मान से सियासी फायदा उठाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों में होड़ लगी हुई है.
Tiranga Politics In Mp: एमपी में तिरंगे पर 'चढ़ी' सियासत, कांग्रेस की पदयात्रा के जवाब में शिवराज का पैदल मार्च, गाजे-बाजे के साथ होगा आयोजन
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जहां 9 अगस्त को तिरंगा सम्मान महोत्सव मनाने और पदयात्रा निकालने का ऐलान किया तो बीजेपी ने भी ऐलान कर दिया है कि तिरंगे के सम्मान में सीएम शिवराज अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ पैदल मार्च करेंगे.
कांग्रेस टंट्याभील की जन्मस्थली शुरू करेगी पदयात्रा:कांग्रेस तिरंगा सम्मान महोत्सव और पदयात्रा के बहाने अपने पुराने और स्थाई आदिवासी वोट बैंक पर अपनी पकड़ जमाने की कोशिश में है. यही वजह है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आदिवासी समाज के जननायक टंट्या भील की जन्मस्थली से इस यात्रा की शुरुआत करेंगे. यात्रा के जरिए कांग्रेस का प्लान निमाड़ मालवा अंचल की आदिवासी बहुल 21 सीटों समेत अंचल की 65 सीटों तक 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी के आदिवासी हितैषी होने का संदेश पहुंचाया जा सके. खास बात है कि कांग्रेस से पहले बीजेपी भी क्रांतिकारी जननायक टंट्या भील को लेकर गौरव कलश यात्रा निकाल चुकी है. उपचुनाव में बीजेपी को इसका फायदा भी मिला था.