भोपाल।विवेक अग्निहोत्री कीफिल्म "दा कश्मीर फाइल्स" पर देश में सियासत शुरू हो गई है. ये रिसर्च की बात है कि फिल्म में दिखाये गये कंटेंट किस हद तक सत्य घटनाओं पर आधारित हैं, लेकिन भाजपा इस फिल्म के जरिए चार राज्यों में मिली चुनावी जीत के मोमेंटम को बरकरार रखना चाहती है. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस फिल्म को देखने की लोगों से अपील की है. इतना ही नहीं भाजपा शासित राज्यों में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया है.
कांग्रेस का पीएम से सवाल
दूसरी तरह कांग्रेस "दा कश्मीर फाइल्स" को लेकर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि- " क्या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फ़िल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं ? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरे मोदी सरकार को आख़िर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा ? आख़िर कब तक केवल झूठ-नफ़रत-बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे ? "
"आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ़ खड़ा रहा. 'असहयोग आंदोलन' हो, 'सविनय अवज्ञा' हो या 'भारत छोड़ो' का देशव्यापी आंदोलन हो…हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे. जब देश आज़ाद हुआ तो पहले दिन से 'बांटो और राज करो' अपना लिया ".
वीपी सिंह सरकार को समर्थन कर रही भाजपा क्यों थी खामोश
कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि- " मोदी जी बताएं-जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे ? CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया ?. आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था. तब भाजपा और अडवाणी जी “रथ यात्रा” में व्यस्त थे और उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे".