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मीसाबंदी की रिपोर्ट पर मचा बवाल, बीजेपी बोली- कांग्रेस बेवजह उठा रही सवाल

कमलनाथ सरकार द्वारा मीसाबंदियों का वेरिफिकेशन कराने के आदेश दिए गए थे. इसके लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर मीसाबंदी का वेरीफिकेशन किया गया. रिपोर्ट में एक भी मीसाबंदी फर्जी नहीं निकला, जिसको लेकर अब बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है.

मीसाबंदी जांच रिपोर्ट पर मचा सियासी बवाल

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Published : Jun 13, 2019, 3:58 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 4:52 PM IST

भोपाल। सूबे की सत्ता संभालने के बाद प्रदेश सरकार के मीसाबंदियों की जांच कराए जाने को लेकर सियासी बवाल मचा था, लेकिन सरकार द्वारा कराए गए वेरिफिकेशन में कोई भी मीसाबंदी फर्जी नहीं निकला. हालांकि. विभागीय मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि फिलहाल मीसाबंदियों को लेकर विचार किया जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है कि सिर्फ कांग्रेस हर अच्छी योजनाओं पर सवाल खड़े कर उन्हें बंद कराने की कोशिश में जुटी है.


⦁ सरकार द्वारा मीसाबंदियों का वेरिफिकेशन करने के आदेश दिए गए थे.
⦁ जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर मीसाबंदी का वेरीफिकेशन किया गया.
⦁ जांच के बाद सभी जिलों ने सामान्य प्रशासन विभाग को अपनी रिपोर्ट भेज दी है.
⦁ जांच में कोई भी मीसाबंदी नियमों के खिलाफ पेंशन लेता नहीं पाया गया है.

मीसाबंदी जांच रिपोर्ट पर मचा सियासी बवाल


उधर जांच में एक भी मीसाबंदी फर्जी नहीं पाए जाने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री और नरेला से बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ राजनीति से प्रेरित होकर बीजेपी द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर बेवजह उंगली उठा रही है और अच्छी योजनाओं को फ्लॉप साबित करने की कोशिश करने में जुटी है, लेकिन जांच में सामने आया कि कांग्रेस के दावे कितने खोखले हैं.

उधर जब इसको लेकर विभागीय मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर विचार किया जा रहा है कि इसमें आगे क्या करना है. आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले लोगों को बीजेपी ने मीसाबंदी का नाम दिया था और ऐसे 2200 से ज्यादा मीसाबंदियों को हर माह पेंशन देती थी.

Last Updated : Jun 13, 2019, 4:52 PM IST

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