भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीनों की खरीद बिक्री के गंभीर आरोप कई सालों से लगते आ रहे हैं. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे. तो बीजेपी नेता प्रभात झा उनके खिलाफ बेशकीमती जमीनों की बंदरबांट का आरोप लगाते रहे. अब सिंधिया बीजेपी में हैं, तो वही आरोप कांग्रेस सिंधिया पर लगा रही है. चुनावी समर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान देकर सियासत को तेज कर दिया. सिंधिया ने कहा है कि, 'मेरी संपत्ति 300 साल पुरानी है, उनकी संपत्तियों की जांच करो, जो नए-नए महाराज बने हैं'. इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सिंधिया की जमीन की हो जांचः कांग्रेस
ज्योतिरादित्य सिंधिया के जवाब के बाद कांग्रेस ने सिंधिया पर दो तरफा हमला किया है. एक तरफ भोपाल में जहां सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी ने प्रेस वार्ता करके सवाल खड़े किए हैं. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि, उनकी संपत्ति यहां भले ही हजारों साल पुरानी हैं. लेकिन देश के अस्तित्व में आते ही 1948 में जो रियासतों का विलय भारत सरकार में हुआ था, उस समय उनके पास कौन सी प्रॉपर्टी थी और कौन सी संपत्ति भारत सरकार की हो गई. इसका खुलासा होना चाहिए. सज्जन सिंह वर्मा ने कहां है कि, बच्चा- बच्चा जानता है कि, सिंधिया परिवार ने कैसे जमीनें हड़पी हैं. इन्होंने तो कुत्ते की कब्र को भी नहीं छोड़ा.
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जीतू पटवारी ने कहा कि, यह मामला भी खासगी ट्रस्ट की तरह है. आखिरकार हाईकोर्ट की दखल के बाद सरकार को ना चाहकर भी खासगी ट्रस्ट की जांच करानी पड़ रही है और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लग रहे आरोपों को लेकर भी यही स्थिति बनेगी. इसलिए उन्हें खुद मर्जर के समय के दस्तावेज पेश कर देने चाहिए कि, कौन सी उनकी निजी संपत्ति है और कौन सी सरकारी है, या फिर सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए. वही ग्वालियर में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने सिंधिया परिवार पर अपने वफादार कुत्ते की समाधि की भूमि को भी अवैध रूप से बेचने का गंभीर आरोप लगाया है.