भोपाल। शहर में अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से कई दूसरे राज्यों से छात्र-छात्राएं आकर रहते हैं, दूसरी ओर कई विदेशी छात्र भी वीजा बनवाकर शहर में रहते हुए अपनी शिक्षा पूरी करते हैं, लेकिन पुलिस को कुछ नाइजीरियन छात्रों की तलाश है क्योंकि इन छात्रों ने फर्जी वीजा बनाकर पुलिस को गुमराह करने का काम किया है. मामला उजागर होने के बाद कोहेफिजा थाने में 15 नाइजीरियन छात्रों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है.
कोहेफिजा थाने में नाइजीरियन छात्रों के खिलाफ केस दर्ज
कोहेफिजा थाने में पुलिस की विशेष शाखा की शिकायत पर शहर में रह रहे 15 नाइजीरियन छात्रों के खिलाफ फर्जी वीजा के मामले में केस दर्ज हुआ है. ये सभी लोग फर्जी वीजा के आधार पर शहर में आए थे. इनमें से दो के भारत से वापस चले जाने की जानकारी पुलिस को मिली है, लेकिन 13 नाइजीरियन छात्र अभी भी देश में ही मौजूद हैं, फिलहाल उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. लेकिन वो शहर में बताए गए पते पर नहीं मिले हैं.
स्टूडेंट वीजा पर भोपाल आए छात्र फर्जी
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में 15 नाइजीरियन युवक पढ़ने के लिए स्टूडेंट वीजा पर भोपाल आए थे. पिछले दिनों विशेष शाखा को सूचना मिली थी कि नाइजीरियन युवकों ने पासपोर्ट के साथ जो वीजा प्रस्तुत किया था, वो गलत पाया गया है. विशेष शाखा की टीम ने मामले की जांच की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं क्योंकि इन युवकों ने किसी और के वीजा पर अपनी फोटो लगाकर धोखाधड़ी की है. शिकायत की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कोहेफिजा थाने में मामला दर्ज किया गया है.
2018 में भी आया था ऐसा मामला
2018 में मंडीदीप में रह रहे नाइजीरियन छात्रों का मामला भी कुछ इसी प्रकार से सामने आया था. मंडीदीप पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन पुलिस उन्हें अब तक तलाश नहीं पाई है. इसके अलावा साइबर क्राइम के भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें नाइजीरियन युवकों की भूमिका भी सामने आई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर इन युवकों की तलाश शुरू कर दी है और सभी राज्यों से इन युवकों को लेकर जानकारियां साझा की जा रही है, ताकि इन लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके.
किराए की लालच में बिना पुलिस वेरिफिकेशन के विदेशी छात्रों को मिल रहा घर
शहर में पढ़ाई करने आए हजारों की संख्या में विदेशी छात्र किराए के मकान में रहते हैं, लेकिन कई बार मकान मालिक पुलिस को इन किरायेदारों की सही जानकारी नहीं देते हैं. अच्छे किराए के लालच में मकान मालिक बिना सोचे समझे और बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन के ही विदेशी छात्र-छात्राओं को मकान किराए पर दे देते हैं. इन लोगों द्वारा नागरिकता के जो दस्तावेज दिए जाते हैं, वो भी कई बार फर्जी निकलते हैं. जिसकी वजह से इस तरह के विदेशी छात्र-छात्राओं को पकड़ने में पुलिस को भी परेशानी आती है.