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मध्य प्रदेश में बढ़ती सड़क हादसों की रफ्तार पर प्लान ABCD लगाएगा ब्रेक - road accidents in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और पूरे प्रदेश में हादसों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, यातायात पुलिस और पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई) इस हादसों पर लगाम लगाने के लिए कई तरीके आजमाए हैं और इस बार पुलिस ने एबीसीडी प्लान तैयार किया है, जिसका मतलब है एनी बडी केन डाई..

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मध्य प्रदेश में बढ़ती सड़क हादसों की रफ्तार

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Published : Dec 20, 2020, 6:06 PM IST

भोपाल: राजधानी भोपाल समेत प्रदेश भर में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. यातायात पुलिस और पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई) की लाख कोशिशों के बावजूद भी सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. सड़क हादसों की रोकथाम के लिए अब पुलिस ने एबीसीडी प्लान तैयार किया है. एबीसीडी का मतलब एनी बडी कैन डाई है. यानी कि लापरवाही के चलते कोई भी, कभी भी हादसों का शिकार हो सकता है.

मध्य प्रदेश में बढ़ती सड़क हादसों की रफ्तार
सड़क हादसों को रोकने पुलिस का ABCD प्लान

सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने एबीसीडी प्लान तैयार किया है. एबीसीडी का तात्पर्य एनी बडी कैन डाई से है. दरअसल, पुलिस इस प्लान के तहत वाहन चालकों और आम लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी. मुख्य चौक चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात होकर वाहन चालकों को एबीसीडी का मतलब समझाएंगे और यह बताएंगे कि अगर यातायात नियमों का पालन नहीं करते हुए लापरवाही बरती जाती है तो कोई भी कभी भी हादसों का शिकार हो सकता है. इसलिए सभी को यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए. पुलिस इस प्लान को लेकर प्रदेश भर में जागरुकता अभियान चलाएगी.

बॉलीवुड फिल्म से इंस्पायर होकर बनाया यह टाइटल

बॉलीवुड की एक मशहूर फिल्म एबीसीडी है फिल्म का टाइटल एबीसीडी इसलिए रखा गया है, क्योंकि यह फिल्म डांसर्स की लाइफ पर आधारित है, इस फिल्म के टाइटल एबीसीडी का मतलब एनी बडी कैन डांस है. इसी टाइटल से इंस्पायर होकर अब मध्य प्रदेश पुलिस ने एनी बडी कैन डाई टाइटल बनाया है और इसी टाइटल के हिसाब से पुलिस ने ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकता कार्यक्रम तैयार किया है, जिसे लेकर पुलिस अब चौक चौराहा और उन स्थानों पर वाहन चालकों को जागरुक करने का काम करेगी, जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं.

कभी भी कोई भी हो सकता है हादसों का शिकार

मध्य प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के एडीजी डीसी सागर ने बताया कि हादसे कभी भी बता कर नहीं आते हैं. ना ही हादसे पेशा उम्र और अमीरी गरीबी देख कर आते हैं. हादसों का शिकार कभी भी कोई भी हो सकता है लेकिन इन हादसों को टाला जा सकता है अगर ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाए और लापरवाही नहीं बरती जाए तो ही हादसों को रोकने में सफलता मिल सकती है.

बीते साल सड़क हादसों में हुई है 11 हजार से ज्यादा मौतें

मध्य प्रदेश में बीते साल की ही बात करें तो करीब 50 हजार से भी ज्यादा सड़क हादसों में 11 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है मध्यप्रदेश में पुलिस ने कुल 455 ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किए हैं जहां पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं समय-समय पर पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के साथ-साथ यातायात पुलिस ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी चलाते हैं इसके बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार आसमान छूता जा रहा है।

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