भोपाल।मध्यप्रदेश की विधानसभा में तीन साल पहले ही स्वतंत्र फिजियोथेरेपिस्ट काउंसिल का प्रस्ताव पारित हो चुका है. लेकिन अब तक इसे बनाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. 2019 में कांग्रेस की सरकार में काउंसिल का गठन होना था. जब भाजपा की सरकार आई तो खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि गठन किया जा रहा है. अब फिजियोथेरेपिस्ट संघ ने दोबारा काउंसिल के गठन की मांग की है. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है.
भाजपा-कांग्रेस आमने सामने:एक तरफ जहां भाजपा फिजियोथेरेपिस्ट काउंसिल के गठन किये जाने की बात कह रही है, वहीं कांग्रेस इसमें देरी होने पर सरकार पर कटाक्ष कर रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं की प्रक्रिया चल रही है.जबकि कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस काउंसिल का गठन ही नहीं करना चाहती है, इसलिए इसे टाल रही है.
इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं फिजियोथेरेपिस्ट :मध्यप्रदेश में सात हजार से अधिक फिजियोथेरेपिस्ट हैं, जो हर जटिल बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में इनके रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य प्रक्रियाओं में कई समस्याएं सामने आती हैं. इसे देखते हुए कांग्रेस सरकार ने जुलाई 2019 में अलग से स्वतंत्र फिजियोथेरेपिस्ट काउंसिल के गठन की बात कही थी और इसकी पूरी प्रक्रिया को विधानसभा में भी पारित किया गया था. लेकिन उसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई सत्ता में बीजेपी की सरकार आई .