भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारी में दोनों ही पार्टियां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस जुटी हुई है और अब उनकी नजर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई पर है. ज्ञात हो कि पंचायत चुनाव में रोटेशन आधार पर आरक्षण लागू किए जाने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इसके साथ ही ओबीसी के आरक्षण को लेकर भी याचिकाएं दायर हुई. ओबीसी के आंकड़ों को सही तरह से पेश नहीं किया गया, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव कराए जाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश:सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि दो सप्ताह के अंदर पंचायत और पेश निकाय के चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए, इसके साथ ही न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी की थी. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों ने इन चुनावों में 27 प्रतिशत से ज्यादा टिकट अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को देने का ऐलान भी किया. वैसे नगरीय निकाय चुनाव दलीय आधार पर और पंचायत चुनाव गैर दलीय आधार पर होना है.