भोपाल।जब प्रदेश की राजधानी में ही अधूरे पड़े हैं ऑक्सीजन प्लांट तो कैसा होगा दूसरे जिलों का हाल. जी हां हम बात कर रहे हैं ऑक्सीजन के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए की गई सरकार की घोषणाओं का हाल. कोरोना काल में ऑक्सीजन की मारामारी और इसके अभाव में हो रही मौतों के बाद सरकार ने प्रदेश में 37 और राजधानी भोपाल के 4 हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इनमें से एक भी प्लांट बनकर तैयार नहीं हो सका है.सीएम ने ये ऑक्सीजन प्लांट तत्काल लगाने के निर्देश दिए थे, जिन्हें तय समय में पूरा करना था लेकिन अब इनका काम रोक दिया गया है.
यह है भोपाल में लगने वाला ऑक्सीजन प्लाटों का ताजा हाल
- भोपाल नगर निगम द्वारा खुशीलाल आयुर्वेदिक संस्था और काटजू अस्पताल में प्लांट लगाए जाने की घोषणा को डेढ़ महीने से ज्यादा हो चुका है , लेकिन प्लांट आज तक अस्तित्व में नहीं आया है.
- खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्लांट के लिए लाया गया कॉपर चोरी हो गया, वहीं काटजू अस्पताल में अब तक जरूरी व्यवस्थाएं तक नहीं हो सकी हैं.
- बैरसिया और नजीराबाद की भी यही स्थिति है यहां 300 लीटर प्रति मिनट उत्पादन करने वाला ऑक्सीजन प्लांट प्रस्तावित है.
- भोपाल शहर के इन दोनों प्लांटों में 50 क्यूबिक मीटर यानि 750 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. दावा किया गया था कि हवा से ऑक्सीजन बनाने वाले ये प्लांट चार महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे.
- मौजूदा दौर में भोपाल के चार अलग अलग प्लांट मे एक मुख्यमंत्री सहायता कोष से सीएसआईआर गैसकौन और ऐरोक्स टेक कंपनी के माध्यम से काटजू हॉस्पिटल मे बनाया जा रहा है.
यहां हुई ऑक्सीजन प्लांट की केवल घोषणा - सितंबर 2020- मुख्यमंत्री शिवराज में होशंगाबाद के मोहासा बावई में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की. यहां 200 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाना है. इसके साथ ही मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी और नरसिंहपुर जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई लाइन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के साथ वेटीलेटर्स पहुंचाने की भी घोषणा की गई थी.
- 9 मई 2021- मध्यप्रदेश में 11 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की घोषणा की थी जिन्हें तहत देवास, धार, मंडला, होशंगाबाद, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सीधी, भिंड, राजगढ़ एवं शाजापुर मे बनाया जाना है.
- 18 अप्रैल 2021- मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की घोषणा की थी ये प्लांट आगामी एक से तीन माह में स्थापित करने किया जाना है. इनमें से कई जगह पर प्राथमिक काम भी शुरू नहीं किया जा सका है.
- 5 मई 2021- को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अलग अलग लेवल के कुल 94 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत हुए थे. इनमें से 74 प्लांट प्रदेश जिलों में तथा 20 प्लांट तहसीलों में लगाए की घोषणा की थी.जिनमें से कुछ प्लांट काम कर रहे हैं जबकि अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर प्लांटों का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
सीएम के गृह जिले में भुगतान न होने से रूका प्लांट का काम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में भी ऑक्सीजन प्लांट निर्माण रुका हुआ है. यहां प्लांट के लिए भुगतान की कमी आड़े आ रही है जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी और बेड उपलब्ध न होने के लिए अस्पताल प्रबंधन को नोटिस चस्पा करना पड़ा था. लेकिन यहां 2 माह बीत जाने के बाद भी प्लांट का कार्य अधूरा पड़ा है जबकि इसे घोषणा होने के 15 दिन के भीतर ही शुरू हो जाना चाहिए था.
बीएमसी में ऑक्सीजन चालू होने के लिए मिल रही तारीख पर तारीख
सागर संभाग के एकमात्र मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कोरोना के साथ ही अन्य जटिल बीमारियों का भी इलाज होता है. संभाग के 6 जिलों का भार भी इसी मेडिकल कॉलेज पर है. कोरोना काल में प्रदेश में सबसे पहले ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का मामला बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ही सामने आया था. ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों का मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की बात की गई. प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी बीते 28 अप्रैल को कलेक्टरके साथ समीक्षा बैठक और मेडिकल कॉलेज का दौरा कर चुके हैं, लेकिन 10 मई को शुरू होने वाले इस प्लांट ने 5 जून को काम करना शुरू नहीं किया है.