भोपाल। प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव भले ही ओबीसी आरक्षण के साथ कराए जा रहे हों. लेकिन प्रदेश के 11 जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा. इन जिलों में एससी-एसटी की आबादी पहले ही 50 फीसदी तक है, ऐसी स्थिति में इन जिलों में ओबीसी वर्ग को कम ही फायदा मिलेगा. हालांकि सबसे ज्यादा फायदा ओबीसी वर्ग को भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में मिलेगा. यहां एससी-एसटी की आबादी 2 फीसदी ही है, हालांकि यहां भी 35 फीसदी से ज्यादा ओबीसी को आरक्षण नहीं मिल सकेगा.
ओबीसी आरक्षण: जानें- किन जिलों में मिलेगा ज्यादा फायदा, कहां होगा नुकसान
मध्य प्रदेश में होने जा रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का फायदा सभी जिलों में समान रूप से नहीं मिलेगा. इसका सबसे बड़ा कारण जिलों में उस वर्ग की जनसंख्या है. पढ़े पूरी खबर -
इन जिलों में मिलेगा ओबीसी को कम फायदा: मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को निकाए चुनाव में सबसे कम फायदा धार जिले में मिलेगा. यहां एससी-एसटी की जनसंख्या कुल आबादी की करीब 60 फीसदी से ज्यादा है. यहां की कुल आबादी 21.85 लाख है, जबकि एससी-एसटी की जनसंख्या 12.22 लाख है. बड़वानी की कुल आबादी 13.85 लाख है, जबकि एससी-एसटी की आबादी 9.62 लाख है. इसी तरह झाबुआ में 10.25 लाख कुल आबादी है, जबकि एससी-एसटी की आबादी 8.91 लाख है. प्रदेश में 2011 की जनगणना के हिसाब से देखें, तो प्रदेश में एससी-एसटी की जनसंख्या 4.87 करोड़ से ज्यादा है. जबकि कुल जनसंख्या 7.26 करोड़ से ज्यादा है. यानी ओबीसी को आरक्षण का फायदा 2.38 करोड़ में ही मिलना है. यही वजह है कि ओबीसी को ज्यादा आरक्षण मिलने की संभावना कम ही है.
बड़े शहरों में मिलेगा ज्यादा फायदा: ओबीसी वर्ग को ज्यादा फायदा प्रदेश के बड़े शहरों ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और भोपाल में मिलने की उम्मीद है. इन बड़े शहरों में एससी-एसटी वर्ग की तादाद करीब 2 फीसदी है. हालांकि इन जिलों में सरकार 35 फीसदी से ज्यादा ओबीसी आरक्षण नहीं दे पाएगी. जहां भी ओबीसी आरक्षण दिया जाना है, वहां कुल जनसंख्या के 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकेगा.