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MP में पकड़े गए थे JMB के 4 आतंकी, NIA करेगी मामले की जांच

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पकड़े गए जेएमबी (जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश) के चारों आतंकी रिमांड पर हैं. इस मामले की जांच अब NIA करेगी. भोपाल कोर्ट में आतंकियों की पेशी हुई थी. पेशी में गिरफ्तार आतंकियों में से एक आतंकी ने चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं.

NIA will investigate Bhopal terror case
भोपाल आतंकी मामले की एनआईए करेगी जांच

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Published : Apr 7, 2022, 5:53 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिददीन बांग्लादेश के चार आतंकी पकड़े गए जो पुलिस रिमांड पर हैं. इस मामले की जांच अब NIA को सौंपी गई है. आतंकियों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. एटीएस ने चारों आतंकियों को आज जिला अदालत में कोर्ट में पेश कर 28 मार्च तक रिमांड पर लिया है. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि चारों आतंकी करीब 50 से ज्यादा लोगों के संपर्क में थे. संदिग्ध आतंकी मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क फैलाने में लगे थे. पुलिस आतंकियों की लोकल फंडिंग की भी जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है कि आतंकियों को स्थानीय स्तर पर आर्थिक मदद मिल रही थी. (terrorist arrested in bhopal)

बेहद खतरनाक है जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश:गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी एक खतरनाक आतंकी संगठन है. यह संगठन बांग्लादेश में कई सीरियल ब्लास्ट का जिम्मेदार रहा है. साल 2005 में इस संगठन ने बांग्लादेश के 50 शहरों और कस्बों के 300 स्थानों पर करीब 500 छोटे बम विस्फोट किए थे. संगठन द्वारा बांग्लादेश में बड़े स्तर पर नरसंहार किया गया.

मात्र इतने रुपये में पहुंचे भोपाल आतंकी:आतंकी ने बताया कि, जमात उल मुजाहिदीन के आतंकियों ने पैसे देकर भारत की सीमा में प्रवेश किया था, इसके साथ ही भोपाल तक पहुंचने के लिए इन आतंकियों को मात्र चार हजार रुपये खर्च करने (jmb terrorists entered in India by paying four thousand) पड़े. आतंकियों ने बताया कि, वह त्रिपुरा के रास्ते भारत में दाखिल हुए हैं. फिलहाल ATS की स्पेशल टीम मामले में जांच कर रही है.

भोपाल में स्लिपर सेल तैयार कर रहे थे आतंकी:साल 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें 2 लोग मारे गए थे. साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था. ऐसे घटनाओं में संगठन का नाम आने के बाद भार सरकार द्वारा साल 2019 में इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था. एटीएस के मुताबिक प्रतिबंध के बाद आतंकी संगठन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके. इसी तरह अब ये आतंकी भोपाल में रहकर स्लिपर सेल तैयार कर रहे थे.

कौन होते हैं स्लीपर सेल? :प्रदेश में पुलिस सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त कर चुकी है, लेकिन ताजा मामले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को और ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है. रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के मुताबिक बड़ी आतंकी वारदात में स्थानीय स्लीपर सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनके निशाने पर यूथ होते हैं, जिन्हें यह बरगलाते हैं और इन्हें आतंकी वारदातों के लिए तैयार करते हैं. (who is sleeper cell)

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