भोपाल। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(home minister narottam mishra) ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा( Jan Ashirwad Yatra) और अतिथि शिक्षकों(guest teachers) पर पुलिस के बल प्रयोग को लेकर सरकार पर हमला बोला था. इसी पर पलटवार करते हुए मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार तो मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे देखती तक नहीं थी. हमारे राज में शिक्षकों को 50-50 हजार रुपए वेतन मिल रहा है. दिग्विजय सिंह सरकार टीचर्स को सिर्फ 500 रुपए ही देती थी.
हम दे रहे हैं 50 हजार रुपए, कांग्रेस सरकार देती थी सिर्फ 500 रुपए
अतिथि शिक्षकों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा, तो बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों को ही घेरा में लेने की कोशिश की. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों को प्रदेश में 50 हजार रुपए तक वेतन मिल रहा है. प्रदेश की शिवराज सरकार कर्मचारियों की हितैषी सरकार है. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार ने तो शिक्षकों को सिर्फ ₹500 महीना ही वेतन दिया था.
सरकार में आने के बाद महामंडलेश्वर बन जाते हैं कांग्रेस नेता
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेता घमंड में चूर हो जाते हैं. वे महामंडलेश्वर बन जाते हैं. कांग्रेस के नेता मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे नहीं उतरते. वहीं से प्रदेश की जनता को आशीर्वाद देते रहते हैं. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस भूल जाती है कि बीजेपी नेता सत्ता में आने के बाद भी जनता के बीच रहते हैं. यही कारण है कि हम जनता का आशीर्वाद लेने के लिए जनता के बीच ही ( Jan Ashirwad Yatra) यात्रा निकाल रहे हैं.
जब बेटियां मुंडन करा रही थीं तब कहां थे कमलनाथ ?
बुधवार को बीजेपी कार्यालय के सामने धरना दे रहे चयनित शिक्षकों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था. कांग्रेस ने इसे लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. इस पर भी नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के दौरान पांचवी मंजिल से नीचे झांक कर भी नहीं देखा. जब बेटियां आंदोलन करते हुए मुंडन करवा रहीं थीं, तो उस वक्त कांग्रेसी मुख्यमंत्री कमलनाथ कहां थे. पहले उन्हें अपने गिरेबां में देखना चाहिए, फिर हमसे सवाल करने की सोचें.