भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव 2023 में होने हैं, लेकिन सियासी दलों की नजर अभी से वोट बैंक पर है. राज्य में बड़ा वोट बैंक महिलाएं और बुजुर्ग हैं. अब इन्हें रिझाने की शिवराज सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना फिर शुरू कर दी गई है. भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से 19 अप्रैल यानी आज मंगलवार को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा की ट्रेन रवाना हो रही है. तीर्थ दर्शन की पहली ट्रेन काशी जा रही है, जहां भगवान विश्वनाथ जी, संत रविदास जी और कबीरदास जी की जन्मस्थली के भी दर्शन होंगे. (Mukhyamantri Tirth Darshan Yojana starts today)
19 अप्रैल से तीर्थ दर्शन योजना की यात्राएं शुरू:तीर्थ दर्शन की पहली ट्रेन काशी जा रही है. ये भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से 19 अप्रैल यानी आज रवाना होकर 20 अप्रैल की सुबह वाराणसी पहुंचेगी और 20 एवं 21 अप्रैल को तीर्थ-यात्री भगवान विश्वनाथ के दर्शन कर गंगा आरती में भी शामिल होंगे. तीर्थ-यात्री 22 अप्रैल को गृह प्रदेश लौटेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान करेंगे तीर्थ यात्रा को रवाना:तीर्थ दर्शन की पहली स्पेशल ट्रेन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भोपाल से हरी झंडी दिखा रहे हैं. तीर्थ-यात्रियों को लौटते समय भगवान विश्वनाथ का स्मृति-चिन्ह भेंट किया जाए. इस मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में भोपाल संभाग के चार जिले और सागर संभाग के तीन जिलों के 974 यात्री जायेंगे. इस ट्रेन में भजन मंडली भी रहेगी. भजन मंडली के सदस्य यात्रा के दौरान समयानुकूल भजन गाते रहेंगे. यात्रा पर जाने वाले तीर्थ-यात्रियों को तुलसी की माला पहनाई जाएगी. सीएम शिवराज सिंह के चौथे कार्यकाल में यह पहला मौका होगा जब ट्रेन से तीर्थ दर्शन कराया जा रहा है.
ये लोग कर सकते हैं तीर्थ यात्रा:इस यात्रा में शामिल होने के लिए जरुरी है कि तीर्थ-यात्री की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो. महिलाओं के संदर्भ में दो वर्ष की छूट दी जाती है. तीर्थ-यात्री आयकरदाता न हो और शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए. किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त न हो, यह भी आवश्यक है. यात्रा के लिए सक्षम 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्ति के लिए आयु सीमा का बंधन नहीं है. योजना में जो व्यक्ति तीर्थ-यात्रा कर आए हैं, वे पांच वर्ष बाद ही पुन: यात्रा के लिए पात्र होंगे.