भोपाल। सिविल सर्विसेज की अखिल भारतीय प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की महिला टीम भी मैदान पर है, (Civil Services Tournament) लेकिन इसमें खास बात यह है कि इसमें अधिकतर खिलाड़ियों की उम्र 55 से 60 वर्ष के बीच है. कोई दादी बन चुका है तो कोई नानी ऐसे में इनका खेल देखने इनके नाती-पोते भी मैदान पर दिखे.(MP Women Hockey Team)
नए युवा खिलाड़ियों को टक्कर देतीं बुजुर्ग खिलाड़ी:अगर आप में जोश और जुनून है तो उम्र आपके आड़े नहीं आती या यूं कहें कि खिलाड़ी में अगर खेलने का जज्बा है तो फिर उम्र भी उसे नहीं रोक पाती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्य प्रदेश की महिला हॉकी टीम ने. जी हां सिविल सर्विसेज की अखिल भारतीय प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की यह टीम भी उतरी है, जिसमें अधिकतर महिला खिलाड़ियों की उम्र 55 से 60 बरस के बीच है, जबकि टीम की गोलकीपर तो 5 महीने बाद 62 की उम्र में रिटायर होने जा रहे हैं लेकिन वह हॉकी मैदान पर ऐसा चलाती हैं कि नए युवा खिलाड़ी भी वह काम नहीं कर पाते.
खिलाड़ियों ने शेयर किया अनुभव:भोपाल के ध्यानचंद स्टेडियम में चल रही इस प्रतियोगिता में यह नानी और दादी की टीम अपने हुनर से सभी का मन आकर्षित कर रही है, इसमें अधिकतर खिलाड़ी ऐसी है जो दादी बन चुकी हैं और नानी भी. टीम की खिलाड़ी अलका शर्मा कहती हैं कि "भले ही उम्र ज्यादा हो, लेकिन जोश और जुनून मुझमें अभी भी पहले की तरह ही बरकरार है, ऐसे में जब मैं ग्राउंड पर उतरती हूं तो वही जोश के साथ खेल खेलती हूं." इसके साथ ही टीम की कप्तान सविता कहती हैं कि "पूरी टीम जब मैदान पर होती है तो वही युवाओं जैसा जोश नजर आता है. उम्र कभी आड़े नहीं आई, क्योंकि खिलाड़ी अपने खेल से जाना जाता है." इसके अलावा अरुणा मानती हैं कि "भले ही हम दादी-नानी बन गए हैं, लेकिन मेरे नाती और पोते भी मुझे खेल के लिए प्रोत्साहित करते हैं और कहते हैं कि आप खेलने जाओ." वही पूनम और प्रीति के अनुसार जब वो मैच खेलती हैं तो युवा खिलाड़ियों की तरह ही झगड़े भी होते हैं और लड़ाई भी. हालाकि खेल के दौरान यह सब चीज होती है, बाद में साथ बैठकर ही खाना खाती हैं.