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अब MP में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग: केन्द्र से मिलेगी 5 मशीनें, रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार - एमपी में कोरोना केस

मध्य प्रदेश को जल्द ही मिलेंगी 5 जिनोम सीक्वेंसिंग मशीनें मिलेंगी. (mp will get 5 genome sequencing machines) इससे ओमिक्रॉन के बारे में जल्द रिपोर्ट मिल सकेगी.(genome sequencing in madhya pradesh ) पहले जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल दिल्ली भेजने पड़ते थे.

genome sequencing in madhya pradesh
अब MP में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

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Published : Dec 9, 2021, 9:46 PM IST

भोपाल। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एमपी सरकार पुरजोर तैयारी कर रही है. जल्द ही एमपी में भी Genome Sequencing मशीनें लगेंगी. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ये आश्वासन दिया है. गुरुवार को (mp will get 5 genome sequencing machines) राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इसी सिलसिले में मुलाकात की थी.

अब MP में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग: केन्द्र से मिलेगी 5 मशीनें, रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

MP में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

अब मध्य प्रदेश में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग. इसके लिए केंद्र सरकार (genome sequencing in madhya pradesh ) मध्य प्रदेश को 5 जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीनें देगी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने दिल्ली में इसी सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से मुलाकात की. मंत्री सारंग ने बताया कि, अभी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल दिल्ली भेजनी पड़ते हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में यह मशीनें लगवाई जाएंगी. इंदौर और जबलपुर की तर्ज पर भोपाल में भी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल शुरू होगा.

केन्द्र देगा 5 जीनोम सिक्वेंसिंग मशीनें

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वाश कैलाश सारंग ने दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल मांडविया से मुलाकात कर मध्यप्रदेश के लिए जिनोम्स सिक्वेन्सिंग मशीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. मांडविया ने प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए जिनोम्स सिक्वेन्सिंग मशीन प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. मंत्री सारंग ने बताया कि अब प्रदेश में ही कोरोना (corona cases in mp ) के किसी भी वेरिएंट की जांच और पहचान हो सकेगी. सारंग ने बताया कि यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. प्रदेश में अभी तक जिनोम सिक्वेन्सिंग मशीन नहीं होने के कारण सैम्पल दिल्ली भेजने पड़ते थे. जिसके कारण रिपोर्ट आने में काफी देर लगती है.

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अब प्रदेश में ही पांच मेडिकल कॉलेजों में मशीन होंगी तो जांच रिपोर्ट तुरंत मिल सकेगी. (mp corona udpate ) उन्होंने कहा कि जल्दी ही मशीनें प्रदेश को उपलब्ध हो जायेंगी. उन्हें संबंधित पांचों मेडिकल कॉलेजों में स्थापित कर दिया जाएगा.

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