भोपाल।आरक्षण के बाद से ही कई पार्षदों के समीकरण बिगड़ गए हैं. नगरीय निकाय चुनाव के लिए हुए वार्डों के आरक्षण के बाद पार्षद उम्मीदवारों को अब चुनाव लड़ने के लिए नई जमीन तलाशनी होगी. ओबीसी आरक्षण के चलते जो वार्ड पहले सामान्य या पुरुष वार्ड थे वे अब महिला वार्ड हो गए हैं और कई ओबीसी हो गए हैं. ऐसे में चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों ही दल के उम्मीदवारों ने अब आस-पास के वार्डों में से चुनाव लड़ने का मन बनाया है.
81 वार्डों का गणित डगमगाया:भोपाल नगर निगम में 85 वार्ड हैं, लेकिन इसमें पहले जो आरक्षित और अनारक्षित थे, वह वार्ड अब बदल गए हैं. ऐसे में भोपाल में सिर्फ 4 वार्ड ही ऐसे रहे जिनका आरक्षण नहीं बदला. बाकी 81 पर गणित डगमगा गया है. इसको लेकर अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के उम्मीदवार अपने-अपने समीकरण बैठाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस से कोलार क्षेत्र के युवा नेता राहुल राठौर (Rahul Rathore congress councilor candidate) अपने वार्ड 80 और 82 से पहले चुनाव क्षेत्र की उम्मीदवारी में थे, लेकिन यह दोनों ही वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने से वह कहते हैं कि अब वह अपनी पत्नी को इन वार्डों से लड़ा सकते हैं, लेकिन इसका फैसला पार्टी ही करेगी.
पार्टी के आदेश के मुताबिक करेंगे काम: इधर, बीजेपी की स्थिति भी ऐसी ही है. बीजेपी के कई पूर्व पार्षदों के वार्ड महिला और ओबीसी में चले गए हैं. ऐसे में यहां पर भी उम्मीदवार अन्य वार्डों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष रहे राकेश जैन (BJP Leader Rakesh Jain) की पत्नी सरोज जैन वर्तमान में वार्ड 25 से पार्षद रहीं हैं, वार्ड 25 अब ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित हो गया है. ऐसे में जैन कहते हैं पार्टी का जो आदेश होगा उसके मुताबिक काम किया जाएगा. अगर वार्ड बदलना पड़ा तो उसे भी बदलेंगे.
कांग्रेस में टिकटों को लेकर बात चल रही है. सभी उम्मीदवार प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अपना-अपना बायोडाटा पेश करेंगे. पांच साल तक अपने अपने कामों के बारे में बताएंगे. कांग्रेस जिला कमेटी का गठन किया जाएगा. उसके बाद उस पर विचार किया जाएगा. कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है उसमें कोई भी टिकट मांग सकता है.