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MP Sarpanches demand: प्रदेश के सरपंचों ने उठाई वित्तीय अधिकार वापसी की मांग, सरकार को दिया 3-4 दिन का वक्त - MP Sarpanches demanded financial rights

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव टल जाने के बाद अपने वित्तीय अधिकार चले जाने से परेशान सरपंच लामबंद हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने 3-4 दिन में कोई फैसला नहीं लिया तो, 23 हजार से अधिक ​सचिव और सरपंच भोपाल में डेरा डालेंगे. (MP Sarpanches demand)

Rights of Madhya Pradesh Sarpanches
मध्यप्रदेश सरपंचों के अधिकार

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Published : Jan 9, 2022, 8:00 AM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव टल जाने के बाद सरपंचों ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने राज्य सरकार से अपने वित्तीय अधिकार वापस दिए जाने की मांग की है. सरपंचों का कहना है कि यदि उनको अधिकार वापस न मिले तो हजारों की संख्या में सचिव और सरपंच राजधानी भोपाल में जुटेंगे.

3 से 4 दिन का अल्टीमेटम

सरपंचों का कहना है कि जब तक चुनाव संपन्न नहीं हो जाते, तब तक पुरानी व्यवस्था के अनुसार उन्हें अधिकार वापस दिए जाएं. उन्होंने शिवराज सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 3 से 4 दिन के अंदर सरकार ने पंचायतों के संचालन पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया और न ही प्रधान प्रशासनिक समिति का गठन किया तो प्रदेश के 23 हजार से अधिक सरपंच राजधानी भोपाल में जुटेंगे, यहां वे सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे.

सरपंचों की मांग सरकार तक पहुंचाएगी बीजेपी

वहीं बीजेपी ने कहा है कि पंचायतों के संचालन और सरपंचों के अधिकार को लेकर पार्टी बेहतर फैसला लेगी. सरपंचों की मांग पर बीजेपी चर्चा करेगी. भाजपा के पदाधिकारियों की माने तो कुछ सरपंचों ने उनसे मुलाकात की है. वहीं संगठन स्तर पर बीजेपी सरपंच की मांग सरकार तक पहुंचाएगी. सरकार की तरफ से एक बेहतर विकल्प निकलकर सामने आएगा. अब देखना होगा कि सरकार इनकी मांग को कितनी गंभीरता से लेती है.

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3 दिन में वापस लिया आदेश

राज्य में मार्च 2020 में 22,500 पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. प्रदेश में पंचायत चुनाव के निर्देश होते ही पंचायतों के संचालन पर शिवराज सरकार द्वारा प्रधान प्रशासनिक समिति संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसमें 6 जनवरी को एक आदेश जारी किया गया था, जिसके मुताबिक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायत के कार्य का प्रधान प्रशासन को सौंप दिया था और सरपंच व सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक खातों के अधिकार दिए थे. लेकिन आदेश के 3 दिन के बाद ही फैसले को वापस ले लिया गया. इस मामले में विभाग की तरफ से कोई आदेश भी जारी नहीं किए गए हैं कि पंचायत के संचालन की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी. इसलिए पंचायतों के संचालन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

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